Maharajganj News : घुघली -महराजगंज-आनंदनगर रेल परियोजना मुआवजे के जाल में फंसी, मकान स्वामियों ने जमीन खाली करने से किया इंकार
11-Oct-2025
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महराजगंज। घुघली -महराजगंज-आनंदनगर प्रस्तावित रेल मार्ग का निर्माण मुआवजे के विवाद में उलझ गया है। परियोजना के दायरे में आ रहे करीब 50 मकान और दो स्कूलों के मालिक अब तक मुआवजा नहीं पा सके हैं, जिसे कारण वे जमीन खाली करने को तैयार नहीं हैं।
इस बीच रेलवे ने भू स्वामियों को जगह खाली करने का नोटिस दे दिया है, जिस पर भू-स्वामियों का कहना है कि मुआवजा मिलने तक वे जगह खाली नहीं करेंगे। कुछ किसानों ने रेलवे के अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई है।
मालूम हो कि घुघुली से महराजगंज वाया आनंदनगर तक 52.70 किलोमीटर नई रेल लाइन का निर्माण प्रस्तावित है। इस परियोजना के दायरे में 52 गांव आ रहे हैैं। परियोजना के पहले चरण में घुघुली से महराजगंज तक 24.8 किलोमीटर रेल लाइन के लिए निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
इस दायरे में 23 गांवों की लगभग 50 संपत्तियां, जिसमें दो निजी स्कूल भी हैं, प्रभावित हो रही हैं। रेलवे और भूमि अधिग्रहण विभाग की ओर से इन मकानों और परिसंपत्तियों के लिए करीब 13 करोड़ रुपये का मुआवजा अवार्ड निर्धारित किया गया है लेकिन अब तक सिर्फ नौ करोड़ रुपये मुआवजा ही वितरित किया जा सका है। शेष राशि का भुगतान न होने से प्रभावित लोग परेशान हैं।
प्रभावित मकान स्वामियों का कहना है कि रेलवे और भूमि अधिग्रहण विभाग की ओर से मकान खाली करने के लिए बार-बार नोटिस दिया जा रहा है लेकिन मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा। उनका आरोप है कि मकानों के सभी कागजात और प्रपत्र विभाग को जमा कराए जा चुके हैं फिर भी फाइलों में गड़बड़ी का हवाला देकर मुआवजा रोका जा रहा है।
घुघुली से महुअवा महराजगंज तक रेल लाइन निर्माण से जोगिया, पिपरदेउरा, तरकुलवा, रामपुर, कोइदला, विशुनपुर गबड़ुआ, लक्ष्मीपुर, पड़री बुजुर्ग, पिपराइच उर्फ पचरुखिया, घुघुली बुजुर्ग, धरमपुर, बरवा चमैनिया, रामपुर बल्डिहा, घघरुआ खड़ेसर गांव की 50 परिसंपत्तियां मुआवजे के फेर में फंसी है। महुअवा गांव के रामकुमार, जयकुमार, अजय वर्मा जैसे कई प्रभावित मकान स्वामियों ने बताया कि वे बार-बार भूमि अधिग्रहण कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
उनका कहना है कि बिना मुआवजे के वे मकान खाली नहीं करेंगे। इन गांवों के मकान स्वामियों का कहना है कि मुआवजा न मिलने के कारण उनके सामने आर्थिक संकट के साथ-साथ आवास की समस्या भी खड़ी हो गई है।
कई परिवारों का कहना है कि मुआवजे की राशि के बिना वे नया मकान बनाने या दूसरी जगह बसने में असमर्थ हैं। इसके बावजूद रेलवे और भूमि अधिग्रहण विभाग की ओर से मकान खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है। उधर मुआवजे के वितरण में देरी के कारण रेल मार्ग के निर्माण कार्य की गति भी प्रभावित हो रही है।
कुछ मकान स्वामियों ने बताया कि उन्होंने रेलवे के सीपीआरओ से इस मामले की शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।