Maharajganj News : शिक्षा विभाग में बड़ा धमाका ! BEO ने किया ये सारा हेरफेर, अब हुआ खुलासा

    12-Nov-2025
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महराजगंज। जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) परतावल, मुसाफिर सिंह पटेल पर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जी शिक्षक को बचाने और निरीक्षण रिपोर्ट में हेराफेरी जैसे गंभीर आरोप जिला प्रशासन की जांच में साबित हुए हैं।

जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के निर्देश पर डिप्टी कलेक्टर प्रेम शंकर पांडेय ने बीईओ कार्यालय परतावल के कार्यकाल की विस्तृत जांच की। जांच आख्या में वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता की कमी और कई प्रशासनिक नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई है।

जांच रिपोर्ट में पाया गया कि बीईओ के कार्यकाल में विभागीय खर्च शासन के निर्देशों के विपरीत कोटेशन और निविदा के माध्यम से किए गए। जबकि इन खर्चों की प्रक्रिया जेम पोर्टल से पूरी की जानी चाहिए थी। इस प्रकार के उल्लंघन को सीधे शासनादेश की अवहेलना माना गया।


विशेष रूप से वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान निरीक्षण कार्य के लिए किराए पर लिए गए वाहनों में गड़बड़ी पाई गई। अधिकांश वाहनों का भुगतान पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से फर्मों के खातों में हुआ, लेकिन एक वाहन प्राइवेट नंबर का पाया गया। वाहन स्वामी ने लिखित बयान में आरोप लगाया कि बीईओ ने नकद भुगतान में कटौती कर उक्त वाहन निजी उपयोग के लिए चलाया।

जांच में यह भी सामने आया कि प्राथमिक विद्यालय पिपरा खादर के शिक्षक खुशबुद्दीन के शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। इस फर्जीवाड़े की पुष्टि परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज से प्राप्त पत्र के माध्यम से हुई। इसके बावजूद बीईओ मुसाफिर सिंह पटेल ने उक्त शिक्षक को बचाने का प्रयास किया।

जांच में यह भी उजागर हुआ कि 31 दिसंबर 2024 की लॉगबुक प्रविष्टि प्रेरणा पोर्टल की रिपोर्ट से मेल नहीं खाती। इससे फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार किए जाने की संभावना और मजबूत हुई। इसके परिणामस्वरूप विभागीय निगरानी प्रणाली और जांच प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं।

डिप्टी कलेक्टर प्रेम शंकर पांडेय ने रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि बीईओ कार्यालय परतावल में वित्तीय लेन-देन पारदर्शी नहीं रहे और कई प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन हुआ है। यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही बल्कि शिक्षा विभाग की विश्वसनीयता पर भी असर डालता है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पांडेय ने बताया कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद बीईओ मुसाफिर सिंह पटेल के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए अपर शिक्षा निदेशालय को पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि शासन स्तर से आगे की कार्रवाई जल्द तय की जाएगी।

इस मामले में शिक्षा विभाग की निगरानी, वित्तीय अनुशासन और शिक्षक नियुक्ति प्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर शासन समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं करता है, तो ऐसे मामले शिक्षा व्यवस्था की साख को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।