Maharajganj News : सात दशक बाद भी सड़क से अछूता है ये गाँव ! रोहिन नदी बनी दुश्मन या लाचार व्यवस्था

    22-Nov-2025
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लक्ष्मीपुर। लक्ष्मीपुर ब्लॉक के जंगल में स्थित टेढ़ी गांव के 13 टोलों की तीन हजार आबादी आजादी के सात दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। ग्रामीण गांव से बाहर जाने के लिए नाव से ही रोहिन नदी पार करते हैं। स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन से रोहिन नदी पर पुल बनाने की मांग की है। किसी भी तरफ से गांव से बाहर जाने के लिए 5 किमी पैदल चलना पड़ता है।

प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहे ग्राम टेढ़ी के ग्रामीण जयहिन्द, बेचन, बैजनाथ, रामसेवक, वेदप्रकाश, दुलारे, केवली, अवधराज, जोगेन्द्र, मुन्नाराम, संजय, राजाराम, गोविन्द, हरीनाथ चौधरी, राकेश, दुर्गेश, अमरजीत, सेतबान, अंगद चौहान, पप्पू, सुमेर सहानी, कमलेश सहानी व अन्य ने बताया कि जंगल के मध्य भौगोलिक दृष्टि से अतिपिछड़े गांव टेढ़ी में कांधपुर, ब्रह्मपुर, बेलौहा, गंगापुर और टेढ़ी खास सहित कुल पांच राजस्व ग्राम हैं।

इनमें मात्र राजस्व गांव टेढ़ी, गंगापुर ही मार्ग, बिजली आदि से जुड़ा है। तीन राजस्व गांव कांधपुर, बेलौहा, ब्रह्मपुर के 13 पुरवे तक जाने-आने का कोई सुगम मार्ग नहीं है। यह चारों तरफ से नदी और जंगल से घिरे हुए हैं। रोहिन नदी पर पुल नहीं होने के नाते लोगों को नाव के सहारे ही घर पहुंचना पड़ता है। नाव ही एक मात्र सहारा है।


ग्रामीणों ने बताया कि उक्त तीन राजस्व गांवों में कुल 13 छोटे-छोटे टोले गुलरिहवा, तीनटोलिया, कौअहवा, पथरिहवा, कुकरहवा, बसौहा, बिन्नरटोलिया, भुदलिहवा, डलिहवा, आनन्दनगर, बेरीकुड़ी, कांधपुर, बेलौहा के लोगों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां सिर्फ चुनाव में ही नेता आते हैं। हर बार प्रत्याशी रोहिन नदी पर पुल बनवाने का वादा कर वोट ले लेते हैं।

फिर अगले चुनाव में ही नजर आते हैं। बरसात के समय तीन हजार की आबादी की हालत दयनीय हो जाती है। सबसे बड़ी दिक्कत आवागन की है। किसी भी तरफ से जाने के लिए 5 किमी पैदल चलना पड़ता है। उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सबसे बड़ी दिक्कत सुगम मार्ग का नहीं होना है।

दिन में ही बाहरी आदमी यहां आने से डरते हैं। किसी भी तरफ से जाने पर जंगल व नदी पार करना ही पड़ता है। टेढ़ी की ग्राम प्रधान कुसमावती ने बताया कि भौगोलिक दृष्टि से उनका गांव दो भागों में विभाजित है।