Maharajganj News : खरीदी थी जमीन... बदल दिए गए ये नंबर ! 18 साल पुराने खेल का चौंकने वाला खुलासा
24-Nov-2025
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महराजगंज। जमीन लेने के दौरान थोड़ी सी चुकी करोडो का दर्द दे सकती है। रकम भी हाथ से चली जाएगी और बाद में इधर-उधर चक्कर भी लगाने पड़ेंगे। हाल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें प्रॉपर्टी डीलरों ने दस्तावेजों से छेड़छाड़ करके जमीन का बैनाम करा दिया।
इसी तरह का एक मामला सामने आया है जिसमें आरोपी ने खाता-खसरा नंबर बदल दिया ताकि बैनामा अमान्य हो जाए और जमीन पर उसका कब्जा बना रहे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 20 नवंबर 2025 को थाना कोतवाली को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार, थाना घुघली क्षेत्र के पिपरा ब्राह्मण उर्फ बारीगांव निवासी रामनिवास यादव पर धोखाधड़ी व कूटरचना की प्राथमिकी दर्ज हुई है। आरोप है कि रामनिवास ने राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से वर्ष 2007 में एक बैनामा दस्तावेज में खाता-खसरा नंबर ही बदल दिया था, ताकि खरीदारों का वैध बैनामा अमान्य हो जाए और उनकी जमीन पर कब्जा बरकरार रहे।
जमीन बेचने के दौरान राजस्व अभिलेख में छेड़छाड़ कर जमीन बैनामा कर फंसा दिया गया। मामला न्यायालय तक पहुंचा तो पीड़ित को राहत मिली।
मामला वर्ष 2007 का है, जब कुशीनगर जिले के थाना कप्तानगंज अंतर्गत मौजा कोटवा निवासी रामहरख एवं उनके चचेरे भाई हरि यादव ने मोतीसरा से मौजा पिपरा ब्राह्मण में खाता नंबर 278 (रकबा 1.611 हेक्टेयर) व खाता नंबर 1954 (रकबा 0.504 हेक्टेयर) कुल 2.115 हेक्टेयर जमीन का एक-तिहाई हिस्सा (0.705 हेक्टेयर) दिनांक 08 अक्तूबर.2007 को रजिस्टर्ड बैनामा से खरीदा था।
नामांतरण की कार्रवाई के दौरान रामनिवास यादव ने आपत्ति दर्ज कराई। मामला तहसील सदर में धारा-34 भू राजस्व अधिनियम के तहत लंबित रहा। पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट इलाहाबाद में रिट याचिका दाखिल की और 15 जुलाई 2022 को अदालत ने शीघ्र निस्तारण का आदेश दिया। इसी बीच पता चला कि मूल रजिस्टर्ड बैनामा व स्टांप में दर्ज खाता नंबर 278 को किसी ने 1289 और 1954 को 1924 कर काले पेन से बदल दिया था।
जब यह धांधली पकड़ी गई तो रामनिवास यादव व रजिस्ट्रार कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने पीड़ित पक्ष पर दबाव डाला कि यदि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में धारा 156(3) दाखिल मुकदमा वापस ले लेंगे तो नामांतरण कर दिया जाएगा।
मजबूरी में हरि यादव ने मुकदमा वापस ले लिया और बाद में नामांतरण भी हो गया लेकिन कूटरचना का मामला दब गया। रामहरख का कहना है कि आरोपी व्यक्ति धन के लालच में लोगों की जमीन हड़पने और दस्तावेजों में कूटरचना करने के आदी हैं।
सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक निर्भय सिंह ने बताया कि आरोपी रामनिवास यादव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
स्टांप आयुक्त ने जब मूल दस्तावेज की जांच की तो पाया कि सिविल कोर्ट में दाखिल बैनामे की नकल में खाता नंबर बिल्कुल सही है, जबकि राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ की गई थी। लंबे समय तक पुलिस-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न होने पर रामहरख ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में पुनः धारा 156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रार्थना-पत्र दाखिल किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 20 नवंबर 2025 को थाना कोतवाली को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।