Maharajganj News : भूमि अधिग्रहण में बड़ा फर्ज़ीवाड़ा ! किसान के खाते से जबरन निकाले गए 10 लाख
26-Nov-2025
Total Views |
महराजगंज। घुघली-आनंदनगर वाया महराजगंज रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है।
एनपी एसोसिएट नामक मूल्यांकन फर्म ने रुधौली भावचक निवासी शकुंतला देवी के तीन डिसमिल जमीन पर बने मकान की करीब 21 लाख रुपये ज्यादा कीमत लगाकर उन्हें 47,81,200 रुपये का भुगतान कर दिया। फिर भूमि अधिग्रहण कार्यालय में तैनात एक बाबू ने एक व्यक्ति के साथ मिलकर जबरन उनके खाते से करीब 11 लाख रुपये निकलवा लिए।
रेलवे द्वारा पुनर्मूल्यांकन में यह खेल सामने आया। इसके बाद रिकवरी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे पहले पकड़ी नौनिया के एक किसान उमर से भी इसी तरह ज्याद मुआवजा दिलवाकर 42 लाख की ठगी का मामला सामने आ चुका है।
जानकारी के अनुसार, जिलाधिकारी को शिकायत मिली थी कि रेल लाइन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण में मूल्यांकन में खेल हो रहा है। बताया गया कि रेलवे ने रुधाैली भावचक निवासी शकुंतला की साढ़े तीन डिसमिल भूमि व मकान का अधिग्रहण किया था। इसके एवज में भूमि के 9 लाख 80 हजार रुपये और मकान के 47,81,200 रुपये (कुल मुआवजा 57, 68,200 रुपये) उसके बैंक खाते में भेजे गए।
आरोप है कि भूमि अधिग्रहण कार्यालय में तैनात एक बाबू और उसके साथ एक अन्य व्यक्ति उन्हें बैंक ले गए और दबाव बनाकर उनके खाते से 10.70 लाख रुपये निकलवाकर हड़प लिए। इस पर जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता लेते हुए बैंक की सीसीटीवी फुटेज की जांच के आदेश दिए। उधर, उमर ठगी मामले के बाद रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने पूरे मूल्यांकन सिस्टम की गहन जांच शुरू की।
इसी क्रम में एनपी एसोसिएट नामक मूल्यांकन फर्म की फाइलें खंगाली गईं। पता चला कि मकान का वास्तविक मूल्य 13.10 लाख रुपये जबकि निर्धारित मुआवजा 26.20 लाख रुपये होना चाहिए था लेकिन पहले किए गए मूल्यांकन के आधार पर भुगतान किया गया 47,81,200 रुपये का।
यानी कुल 21,61,200 रुपये अतिरिक्त। यह अंतर सामने आने के बाद मूल्यांकन फर्म की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर यह स्पष्ट है कि पुराने मूल्यांकन में या तो तकनीकी त्रुटि हुई है या जानबूझकर गलत मूल्यांकन किया गया।