Maharajganj News : वोटर लिस्ट में चौंकाने वाले रिश्ते! पिता–पुत्र हमउम्र, दादा–पोता सिर्फ 40 साल के अंतर में

    17-Dec-2025
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महराजगंज। ऐसा माना जाता है कि आंकड़े झूठ नहीं बोलते, लेकिन जब इन आंकड़ों को एसआईआर के तकनीक की कसौटी पर परखा जा रहा है तो मतदाता सूची में ऐसे अजीबो-गरीब रिश्ते सामने आ रहे हैं जिन्हें देखकर निर्वाचन आयोग का पोर्टल भी हैरान हैं।

वोटर लिस्ट की डिजिटल निगरानी में पोर्टल ने 1 लाख 85 हजार से ज्यादा ऐसी विसंगतियां पकड़ी है जिसे तर्क परे बताया जा रहा है। कहीं पिता व पुत्र की उम्र में महज कुछ सालों का अंतर है, तो कहीं दादा व पोते की उम्र का फासला महज 40 साल सिमट कर रह गया है। एसआईआर में गणना प्रपत्र भरने के दौरान कई लोगों ने चूक की है।

मैपिंग के दौरान निर्वाचन आयोग के पोर्टल ने अभी तक 1 लाख 85 191 तार्किक विसंगतियों को पकड़ा है। जन्म वर्ष, रिश्ते, उम्र व जेंडर संबंधी आंकड़ों के मिलान में तार्किक गड़बड़ी मिलने पर पोर्टल फौरन अलर्ट कर रहा है। औलाद की उम्र से पन्द्रह साल से अंतर वाले 1.05 लाख मतदाता अभियान के दौरान पोर्टल ने सबसे ज्यादा चौकाने वाला खुलासा उम्र के अंतर को लेकर किया है।

डेटा मैपिंग के दौरान 1 लाख 05 हजार 154 मामले ऐसे मिले हैं जहां माता-पिता व उनकी संतान की उम्र के बीच 15 वर्ष से भी कम का अंतर दर्ज है। यानी कागजों में ये बच्चे अपने माता-पिता के हमउम्र के करीब नजर आ रहे हैं।


वहीं 13 हजार 347 मामले ऐसे हैं जहां माता-पिता व बच्चों के बीच उम्र में 50 साल से अधिक का फासला है। दादा व पोते के रिश्तों में भी 16 हजार 477 मामलों में महज 40 साल का अंतर मिला है। पोर्टल के स्मार्ट एल्गोरिदम ने दादा व पोते के बीच महज 40 साल के अंतर जैसे 16 हजार से ज्यादा मामलों को पकड़कर अधिकारियों को मैन्युअल वेरिफिकेशन के लिए मजबूर कर दिया है।

जेंडर मिसमैप में फंसे 38 हजार मतदाता डिजिटल स्क्रीनिंग ने केवल उम्र ही नहीं, बल्कि जेंडर के मिलान में भी बड़ी खामियां पकड़ी हैं। जिले के 38 हजार 81 मतदाता जेंडर मिसमैच के जाल में फंसे हैं। इनके नाम तो पुरुषों वाले हैं लेकिन डेटा में उन्हें महिला दर्ज कर दिया गया है। कुछ ऐसे भी नाम पर पोर्टल अलर्ट कर रहा है जो महिला या पुरूष दोनों में देखने को मिलते हैं।

रिलेशनशिप मैपिंग के दौरान जब सिस्टम ने जेंडर व नाम का मिलान किया, तो ये हजारों नाम लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी (तार्किक गड़बड़ी) के रूप में चिह्नित किए गए। एसआईआर में लॉजिकल डिस्क्रिपेंसी गणना प्रपत्र भरने के दौरान हुई मानवीय भूल का नतीजा है।

पोर्टल द्वारा चिह्नित इन 1.85 लाख तार्किक विसंगतियों का सत्यापन कराया जा रहा है। इस दौरान जो त्रुटियां सामने आएंगी उसे निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुरूप सही कराया जाएगा। ताकि मतदाता सूची पूरी तरह त्रुटिहीन व पारदर्शी हो।