Maharajganj News : रेल लाइन का रास्ता साफ! तीन गांवों में जमीन अधिग्रहण पूरा, अब किसानों के मुआवजे का इंतजार खत्म
30-Dec-2025
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महराजगंज। जिले में प्रस्तावित नई रेल लाइन निर्माण परियोजनाअब निर्णायक मोड़ पर पहुँच गयी है। दूसरे फेज में शामिल शेष तीन गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इन गांवों में सेमराडाड़ी, मथुरा नगर और सिधवारी शामिल हैं।
अब इन गांवों के प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए एवार्ड तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। रेलवे और भूमि अध्याप्ति विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से इन गांवों में सर्वे कर अवार्ड तैयार करेंगे, ताकि किसानों को शीघ्र मुआवजा राशि का भुगतान किया जा सके।
जानकारी के अनुसार, घुघुली से महराजगंज वाया आनंदनगर तक कुल 52.70 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन प्रस्तावित है। इस रेल लाइन का निर्माण कार्य दो चरणों में किया जाना है। पहले फेज में कुल 29 गांव और दूसरे फेज में 23 गांव शामिल किए गए हैं। पहले फेज में घुघुली से महराजगंज तक लगभग 24.8 किलोमीटर क्षेत्र में आने वाले सभी 29 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। इन गांवों के प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरण का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। साथ ही इस हिस्से में रेल लाइन निर्माण कार्य भी चल रहा है।
दूसरे फेज की बात करें तो अब तक इसमें शामिल 23 गांवों में से 9 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। इसके अलावा दूसरे फेज के 11 गांवों में भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा उपलब्ध कराने के लिए अवार्ड तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।
इसी तरह तरह अब शेष तीन गांव सेमराडाड़ी, मथुरा नगर और सिधवारी में किसानों को मुआवजा देने के लिए अवार्ड तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जो जनवरी माह के दूसरे सप्ताह से प्रारंभ होगी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक जिले में नई रेल लाइन परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण के बदले कुल 5,55,57,59,404 रुपये की राशि प्रभावित किसानों में वितरित की जा चुकी है, जो कुल निर्धारित राशि का लगभग 83.34 प्रतिशत है।
रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के सेक्शन इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि अवार्ड तैयार करने में भूमि अध्याप्ति विभाग और रेलवे संयुक्त रूप से इन तीनों गांवों में सर्वे करेंगे। सर्वे के दौरान अधिग्रहित की गई भूमि का क्षेत्रफल, भूमि की श्रेणी, वर्तमान बाजार मूल्य तथा उस पर मौजूद परिसंपत्तियों—जैसे मकान, कुआं, पेड़-पौधे, बोरिंग आदि का विस्तृत आकलन किया जाएगा। इसी आकलन के आधार पर अवार्ड तैयार किया जाएगा।