Maharajganj News : पांच फीट का रास्ता बना मौत की वजह, इस तरह कुल्हाड़ी से काट डाले गए विनोद तिवारी

    08-Dec-2025
Total Views |

परतावल। भिटौली थाना क्षेत्र के भैंसा गांव में रविवार की शाम हुए दिल दहला देने वाले वारदात ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। देखते ही देखते पांच फीट के रास्ते का पुराना विवाद खून-खराबे में तब्दील हो गया। गांव के बाहर पुलिया के पास बैठे विनोद तिवारी पर जिस बेरहमी से ताबड़तोड़ कुल्हाड़ी से हमला किया गया, उसे देखकर मौके पर मौजूद लोगों की रूह कांप उठी।

हमले के बाद विनोद लहूलुहान होकर सड़क पर तड़पते रहे लेकिन कोई उन्हें बचाया नहीं जा सका। कुछ ही देर में सीएचसी परतावल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना से गांव में सन्नाटा पसर गया है और पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है।

मृतक के बेटे प्रियांशु तिवारी के अनुसार, रास्ते को लेकर विवाद कई वर्षों से न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद आरोपी वैजनाथ वर्मा बार-बार उस जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा था। प्रियांशु ने बताया कि वैजनाथ जबरन रास्ते की ओर अपना दरवाजा खोलना चाहता था और छत का बरजा भी उसी दिशा में बढ़ाने का प्रयास कर रहा था।

इसको लेकर आरोपित की ओर से लगातार दबाव और धमकियां मिल रही थीं। विनोद तिवारी की मौत से उनका परिवार गहरे सदमे में है। घर में उनकी पत्नी संध्या, बेटे प्रियांशु, दीपक, आयुष, बेटी प्रतिभा और भतीजी सूर्यांशी हैं। भाई की पत्नी की मौत के बाद सूर्यांशी की परवरिश का जिम्मा भी विनोद तिवारी ने ही उठाया था। खेती-बारी, ट्रैक्टर-ट्रॉली और कृषि यंत्रों के सहारे ही पूरा परिवार चलता था। उनके निधन से परिवार का आर्थिक आधार भी छिन गया है। पत्नी संध्या का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिजन बिलखते हुए कह रहे हैं कि घर का सहारा ही खत्म हो गया। अब हम कैसे जिएंगे। घटनास्थल पर खून के निशान इस बात की गवाही दे रहे हैं कि हमला कितना निर्मम था। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इतने क्रूर तरीके से किसी पर हमला होते नहीं देखा।

विनोद की पत्नी संध्या तिवारी ने प्रशासन से न्याय की मांग की। उनका कहना है कि हत्या की इस बड़ी वारदात में शामिल सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। परिजनों ने आरोप लगाया कि बार-बार शिकायत के बावजूद विवाद को लेकर प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई। इसी का परिणाम स्वरूप एक निर्दोष को अपनी जान गंवानी पड़ी।