Maharajganj News : भारतीय बाजारों में भर रहा चाइनीज लहसुन, मुनाफे के चक्कर में कुछ ऐसा कर रहे धंधेबाज़
08-Dec-2025
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निचलौल। नेपाल सीमा पर इन दिनों फिर से धंधेबाजों ने चाइनीज लहसुन की तस्करी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि भारतीय बाजारों में लहसुन की कीमत बढ़ते देख धंधेबाज मोटी रकम कमाने में जुट गए हैं।
सीमावर्ती इलाकों में धंधेबाज व्यापार करने के लिए मंडी से लाइसेंस लेकर तस्करी के करतूत को अंजाम दे रहे हैं। बीते दिनों भिटौली में तस्करी की चाइनीज लहसुन बरामद हुई थी।
सूत्रों के अनुसार, लहसुन की तस्करी के लिए महिलाओं और बच्चों का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, नवीन सब्जी मंडी निचलौल से व्यापार करने के लिए करीब 250 व्यापारी पंजीकृत रूप से जुड़े हुए हैं। इनमें करीब 30 से 40 व्यापारी ऐसे हैं जो व्यापार करने के लिए सक्रिय रहते हैं।
व्यापारियों की सुविधाओं के लिए मंडी के ऑनलाइन पोर्टल बने हुए हैं। पोर्टल पर व्यापारी खुद शुल्क भरकर किसी भी बड़े शहर के बाजार में समान भेज सकते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए धंधेबाज चाइनीज लहसुन की तस्करी कर गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली सहित अन्य बड़े शहरों के बाजारों में भेजकर मोटी रकम कमा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, चाइनीज लहसुन चमकदार होने के चलते धंधेबाजों को अच्छी आमदनी होती है। क्योंकि बाजार में चमकदार और बड़े दाने वाले लहसुन की ज्यादा डिमांड रहती है। देशी के अपेक्षा चाइनीज लहसुन जल्दी और अच्छे कीमत में बिक जाता है। लहसुन का कारोबार ज्यादातर सीमावर्ती इलाकों से होता है।
धंधेबाज नेपाल से तस्करी कर चाइनीज लहसुन को डंप कर लेते हैं। फिर व्यापारियों को सप्लाई कर देते हैं। निचलौल शहर के एक किराना व्यापारी ने बताया कि लहसुन की कीमतों में उछाल हुआ है। इन दिनों लहसुन 160 से 170 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। जबकि नेपाल में चाइनीज लहसुन 70 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से मिल जा रहा है। निचलौल कस्टम अधीक्षक डीके अस्थाना ने बताया कि सरहद पर अवैध सामानों की तस्करी पर नजर बनी हुई है। एसएसबी, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर धंधेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
निचलौल नवीन मंडी गेट पास के जरिए दिल्ली समेत अन्य बड़े महानगरों में तस्करी की चाइनीज लहसुन की खेप भेजी जा रही है। ऐसे में लहसुन की खरीदारी में सावधानी बरतना चाहिए।
क्योंकि चाइनीज लहसुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। प्रतिबंध के बावजूद बड़ी मात्रा में यह लहसुन भारतीय बाजारों में पहुंच रहा है। पहचान नहीं होने के कारण अधिकतर लोग चीनी लहसुन की खरीदारी भी कर ले रहे हैं।