महराजगंज। जनपद महराजगंज के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) विनय कुमार एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन पर कुंभ मेले के दौरान अस्थायी बस स्टेशन निर्माण में हुए वित्तीय अनियमितता का आरोप है, जिसमें लगभग 10 लाख रुपये का घोटाला हुआ था।
जानकारी के अनुसार, शासन ने 2024 के महाकुंभ मेले में यात्रियों के लिए अस्थायी बस स्टेशन के निर्माण हेतु विशेष बजट पास किया था। लेकिन स्थानीय सूत्रों का दावा है कि यह स्टेशन केवल कागजों और तस्वीरों में बना, जमीन पर नहीं। शिकायतें सामने आने के बाद आनन-फानन में स्थल पर फोटोशूट कराया गया ताकि मामला दबाया जा सके।
इस गड़बड़ी की जांच शुरू होते ही एआरटीओ विनय कुमार मेडिकल अवकाश पर चले गए थे। लोगों को उम्मीद थी कि उन पर सख्त कार्रवाई होगी, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि जांच पूरी हुए बिना ही वे दोबारा जनपद का पदभार संभालने लौट आए हैं।
ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों में कहा गया है कि यात्रियों के लिए टेंट, शौचालय, विश्रामालय जैसी सुविधाएं धरातल पर नहीं दी गईं, फिर भी करीब 10 लाख रुपये का सरकारी बजट निकाल लिया गया।
अब स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं—क्या यह व्यवस्था की नाकामी है या सत्ता संरक्षण का परिणाम? क्या किसी अधिकारी की सिफारिश जांच से ज्यादा प्रभावी हो गई है? लोग सरकार की "जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन" नीति पर भी सवाल उठा रहे हैं।