तस्कर दिल्ली और गोरखपुर से बिना बिल के मोबाइल पार्ट्स लाकर बस या प्राइवेट वाहनों से भारत-नेपाल सीमा तक पहुंचाते हैं। इन्हें झोले में भरकर सीमा पार कराया जाता है। बाद में यह माल नेपाल के भैरहवा, काठमांडू, नारायणघाट और पोखरा जैसे शहरों में पहुंचा दिया जाता है।
भारत में 20 से 25 रुपये में मिलने वाले एंड्रॉयड और आईफोन के टेंपर्ड ग्लास नेपाल में 100 से 200 रुपये में बेचे जाते हैं। तस्करों को हर आईफोन ग्लास पर 50 रुपये और अन्य मोबाइल के ग्लास पर 20 रुपये की कमाई होती है। एक दिन में करीब 10,000 पीस नेपाल भेजे जा रहे हैं।
इस नेटवर्क में सिसवा, निचलौल और नौतनवा कस्बे के बड़े मोबाइल कारोबारी शामिल बताए जा रहे हैं। नौतनवा में एक प्रमुख दुकान से सोनौली की दूसरी दुकान तक माल भेजा जाता है और फिर तस्कर पॉकेट में रखकर पैदल सीमा पार कर जाते हैं।
इन सभी गतिविधियों में बिना जीएसटी वाले, कटिंग माल का इस्तेमाल हो रहा है, जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता। यह माल गोरखपुर और दिल्ली से लाकर नेपाल सप्लाई किया जाता है।