गोरखपुर। गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिले में काफी पशु तस्कर काफी समय से सक्रिय हैं। ये तस्कर पशुओं को उठाने के लिए हमेशा दो पिकअप गाड़ियां लेके निकलते हैं। इसपर नंबर प्लेट फर्जी होते हैं या कभी-कभी होते भी नहीं हैं। पुलिस के अनुसार, दो गाड़ियों को साथ लेकर चलने के पीछे तस्करों की तैयारी यह होती है कि एक अगर कहीं फंस जाए तो दूसरी से भागने में आसानी रहे।
पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूसड़ के पास महुआ चाफी गांव में भी सोमवार रात पशु तस्कर दो गाड़ियों से आए थे। एक तस्कर को गाड़ी सहित ग्रामीणों ने घेर लिया लेकिन दूसरी से बाकी तस्कर भाग निकले। इसी गाड़ी में उन्होंने दीपक का अपहरण कर रखा था, इसके बाद उसकी हत्या कर फेंक दिया।
गांव के रमेश ने बताया कि इसके पहले भी पशु तस्कर कई बार महुआ चाफी और आसपास के गांवों में आ चुके हैं। छह माह पहले भी उनको भगाया गया था, उस दौरान वे गाड़ी लेकर भाग निकले थे लेकिन इस बार दीपक की हत्या कर दी।
नंबर प्लेट होता है फर्जीपशु तस्कर जिन गाड़ियों को तस्करी में इस्तेमाल करते हैं उनका नंबर अक्सर फर्जी निकलता है। ऐसा इसलिए कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में आने पर भी उनकी पहचान न हो सके। छह माह पहले कुशीनगर में पुलिस ने अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की थी।