Maharajganj News : सोशल मीडिया बना कपड़ा तस्करी का नया जरिया, बॉर्डर पर 50 करोड़ का धंधा
24-Sep-2025
Total Views |
सोनौली। सीमा पर सख्ती बढ़ने से तस्करों ने कपड़ा तस्करी का ट्रेंड बदल लिया है। अब सोशल मीडिया के माध्यम से मोबाइल से ग्रुप बनाकर कपड़ों के ऑर्डर लिए जा रहे हैं। सूरत, पंजाब, गुजरात, दिल्ली से कपड़ों की खेप बॉर्डर तक पहुंच रही है। ऑर्डर के मुताबिक कैरियर से सीमा पर कपड़ों को पहुंचा दे रहे हैं। त्योहारी सीजन दशहरा और दीपावली तक यह धंधा 50 करोड़ से ऊपर के होने का अनुमान है।
तस्करी का ट्रेंड सीमावर्ती इलाके में बदल गया है। अब धंधेबाज सोशल मीडिया का आधार बनाकर मोबाइल से तस्करी के कपड़े नेपाल पहुंचा रहे हैं। मोबाइल में फेसबुक मैसेंजर के जरिए कपड़ों को पसंद कर ऑर्डर ले रहे हैं। सूत्रों की मानें तो धंधेबाजों ने नेपाल से सीमावर्ती कस्बों तक ग्रुप बनाया है। उसमें कपड़ों की अलग-अलग डिजाइन भेज कर पसंद करने के बाद आर्डर लिया जाता है। सब कुछ पुख्ता होने के बाद नेपाल में ही खाते में रकम जमा कर लेते हैं, इसके बाद करियर के जरिए कपड़े को नेपाल पहुंचा दिया जाता है।
भारत और नेपाल के तस्कर एसएसबी और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था के बीच सरहद के रास्ते सुरक्षित और सुविधाजनक रास्तों से कपड़े की डिलीवरी के लिए मैसेंजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। तस्करों के इस नए पैतरे से खुफिया एजेंसियां और नेपाल के अधिकारी चिंतित हैं। तस्कर मोबाइल ग्रुप पर कोड के जरिये संपर्क बनाए रखते हैं। यही कारण है कि सरहद से आसानी से पार्सल में कपड़े भारी मात्रा में नेपाल पहुंच रहे हैं।
ऑनलाइन पार्सल की तरह नकल करते हुए कुछ व्यापारी पैकिंग कर कपड़ों को बाइक सवार युवकों को दे देते हैं। युवक एक से दो पैकेट को आसानी से नेपाल भैरहवा और बुटवल तक डिलेवरी कर देते हैं। इसके बदले प्रति पैकेट 600 रुपये कैरियर को मिलता है। सूत्राें के अनुसार, जोगियाबारी, हरदी डाली, खुनुवा, शेख फरेनिया, कैलास नगर, श्याम काट, सोनौली, भगवान पुर, बरगदवा, परसामलिक, ठूठीबारी, लक्ष्मीपुर से होकर कैरियर सरहद पार करते हैं।