महराजगंज। जिले में छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने की प्रक्रिया में कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। जिले के लगभग 3,475 विद्यालयों में 4.66 लाख से अधिक छात्रों का नामांकन है, लेकिन अब तक केवल 62% छात्रों की अपार आईडी बन पाई है।
आधार और स्कूल रिकॉर्ड में अंतर: छात्रों के आधार कार्ड और विद्यालयीय दस्तावेजों में नाम, जन्मतिथि और अन्य विवरणों में असंगतियाँ हैं, जिससे अपार आईडी जनरेट करने में बाधाएँ आ रही हैं। उदाहरण के लिए, एक छात्रा का नाम स्कूल में ‘कामना’ है, जबकि आधार में ‘कमीना’ दर्ज है ।
आधार कार्ड की अनुपलब्धता: कई छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है, जिससे उनका अपार आईडी बनाना संभव नहीं हो पा रहा है। डेटा अपडेट की समस्याएँ: यू-डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट न होने और आधार में दर्ज जन्मतिथि में अंतर के कारण भी अपार आईडी जनरेट करने में दिक्कतें आ रही हैं ।
जिन विद्यालयों में अपार आईडी बनाने की प्रगति धीमी है, वहां के 179 प्रधानाध्यापकों को चेतावनी दी गई है और दो दिनों के भीतर कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। कुछ शिक्षकों का वेतन भी रोक दिया गया है, जिससे उन्हें बैंक ऋण की किश्तें जमा करने में कठिनाई हो रही है ।