सख्ती से डॉक्टरों में हड़कंप, कम ओपीडी करना पड़ेगा भारी

महराजगंज। जिले के सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को कम ओपीडी करना भारी पड़ेगा। शासन स्तर से इसकी समीक्षा हो रही है। कम ओपीडी मिलने पर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पनियरा के चिकित्साधिकारी को नोटिस जारी किया है। डॉक्टर ने वर्ष 2024 में एक हजार से कम ओपीडी की है। शासन की नाराजगी के बाद सीएमओ ने चिकित्साधिकारी को सात दिन के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया है। संतोषजनक स्षष्टीकरण नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति की जाएगी।

सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टर को एक दिन में कम से कम 40 ओपीडी करने का लक्ष्य निर्धारित है। ऐसे में एक माह में 1040 मरीजों को ओपीडी में देखना हैं। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मंसूरगंज पनियरा के चिकित्साधिकारी डॉ. रणविजय सिंह ने वर्ष 2024 में एक हजार से कम मरीजों देखा है। समीक्षा में मामला सामने आने पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश ने नाराजगी जाहिर कर सीएमओ की फटकार लगाई है। शासन के आदेश पर सीएमओ ने चिकित्साधिकारी को नोटिस जारी किया है। चितित्साधिकारी से सात दिन के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया है। संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी।

कम ओपीडी पर शासन की सख्ती से सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर हर दिन कम से कम 40 ओपीडी करने के लिए परेशान हैं।

सीएमओ डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने कहा, सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टर को एक दिन में कम से कम 40 ओपीडी करनी है। यदि डॉक्टर इससे कम ओपीडी कर रहे हैं तो राजकीय कार्यो में लापरवाही का द्योतक है। मंसूरगंज के चिकित्साधिकारी ने एक वर्ष में एक हजार से कम ओपीडी की है। चिकित्साधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति की जाएगी।