सारी रात सर्च ऑपरेशन करती रही टीम लेकिन नहीं मिला तेंदुआ

महराजगंज। भारत-नेपाल बॉर्डर से सटे कनमिसवा गांव में शुक्रवार की सुबह गेहूं के खेत में छिपे तेंदुए ने चार लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए खेत के चारों ओर जाल और पिंजरा लगाया तथा पूरी रात कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया।

हालांकि, शनिवार सुबह तक तेंदुए का कोई पता नहीं चला। माना जा रहा है कि वह खेत से निकलकर जंगल की ओर चला गया। घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गई, जिससे एक तेंदुआ भाग निकला, जबकि दूसरा गेहूं के खेत में ही छिपा रहा। ग्रामीणों ने खेत को चारों ओर से घेर लिया और लाठी-डंडों से सतर्कता बरतने लगे। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने ड्रोन कैमरे से तेंदुए की तलाश शुरू की और जाल व पिंजरा लगाया।

रातभर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश जारी रही। प्रशासन की गाड़ियां गांव में हूटर बजाते हुए गश्त करती रहीं, जबकि वन कर्मी लगातार कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाते रहे। लेकिन, शनिवार सुबह तक तेंदुए का कोई सुराग नहीं मिला। हालांकि, खेत के पास बलुई मिट्टी में उसके पैरों के निशान देखे गए। गांव में जगह-जगह अलाव जलाकर सुरक्षा की निगरानी की गई। वन विभाग की टीम भी आधी रात तक गश्त करती रही, लेकिन तेंदुआ नजर नहीं आया।

निचलौल वन क्षेत्राधिकारी सुनील राव ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पूरी रात प्रयास किया गया, लेकिन वह जाल और पिंजरे के पास नहीं आया और जंगल की ओर चला गया। सीमावर्ती गांवों के लोगों को सतर्क रहने और अकेले जंगल की ओर न जाने की सलाह दी गई है। यदि तेंदुआ कहीं दिखाई दे, तो खुद को सुरक्षित रखते हुए उसे निकलने का रास्ता दें। फिलहाल, तेंदुए की तलाश जारी है।