महराजगंज। सीमावर्ती इलाकों में टूरिस्ट परमिट की आड़ में अवैध बसों का संचालन बदस्तूर जारी है। इन बसों पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन अब तक इस पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लगाया जा सका है। ये बसें मुख्य रूप से काठमांडू और सोनौली से दिल्ली तक यात्रियों को ढो रही हैं। हाल ही में, सोनौली कस्बे में दो अवैध बसों को जब्त किया गया था।
नेपाल-भारत मैत्री बस सेवा के नाम पर परिवहन विभाग को चूना लगाया जा रहा है। करीब 20 से अधिक अवैध बसें बिना अनुमति के यात्रियों को लाने-ले जाने का काम कर रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। इन बसों के परमिट की अवधि समाप्त होने के बाद भी वे संचालन जारी रखने के लिए बसों पर ‘भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा’ लिखवा लेती हैं, जिससे यात्रियों को आधिकारिक बस सेवा का भ्रम होता है।
अधिकारिक तौर पर, नेपाल और भारत सरकार द्वारा केवल 12 बसों को मैत्री सेवा के तहत परिचालन की अनुमति दी गई है। इनमें काठमांडू से दिल्ली के लिए 4, काठमांडू से वाराणसी के लिए 4 और पोखरा से दिल्ली के लिए 4 बसें शामिल हैं। इसके बावजूद, 20 से अधिक अन्य बसें भारतीय दूतावास से 15 या 30 दिनों का टूरिस्ट परमिट लेकर बिना किसी रोक-टोक के यात्रियों को बैठा रही हैं। इस अवैध बस संचालन से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के सोनौली डिपो को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। नेपाल के बेलहिया, बुटवल और भैरहवा से यात्रियों को सीमा पार छोड़ दिया जाता है, जबकि खाली बसें भारतीय सीमा में आकर यात्रियों से भर जाती हैं और बेधड़क दिल्ली तक का सफर तय करती हैं।
इन अवैध बसों में नेपाली नंबर प्लेट की बसों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की कुछ टूर परमिट वाली बसें भी शामिल हैं। इस मुद्दे पर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (ARTO) विनय कुमार ने कहा कि समय-समय पर जांच के दौरान कार्रवाई की जाती है, और यदि ऐसा हो रहा है तो इसके खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।