महराजगंज। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के कर्ज तले महिलाएं इस कदर दबी हैं कि उन्हें कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा। ऊंची ब्याज दरों के चलते वे समय पर किस्त नहीं चुका पा रही हैं और एजेंटों की धमकियों का शिकार हो रही हैं।
एजेंट की धमकी से महिला ने की आत्महत्या की कोशिश
पनियरा ब्लॉक के रतपुरवा गांव की रिंकू देवी ने एक ही आधार कार्ड पर 10 बार में 40-40 हजार करके कुल चार लाख रुपये का कर्ज लिया था। शुरुआत में वह किस्त भरती रहीं, लेकिन दो महीने से जब किस्त जमा नहीं हो पाई, तो वसूली एजेंटों ने रोजाना धमकाना शुरू कर दिया। परेशान होकर वह अपने मायके चली गईं, लेकिन एजेंट वहां भी पहुंच गए और अपमानित करने लगे। इस तनाव में रिंकू ने आत्महत्या की कोशिश की, जिसे उनके परिजनों ने किसी तरह रोका।
महिलाएं घर छोड़ने को मजबूर
अनंतपुर गांव की इंदू देवी और सीमा भी माइक्रो फाइनेंस एजेंटों की धमकियों से इतनी परेशान हो गईं कि उन्हें अपना घर छोड़कर मायके या दूसरे गांव में रहना पड़ रहा है। इंदू देवी के घर पर एजेंटों ने किस्त न चुका पाने पर सामाजिक रूप से बेइज्जत करने की कोशिश की और यहां तक कि घर की बाइक उठाने की धमकी दे डाली।
सीमा देवी ने भी 40 हजार रुपये कर्ज लिया था, लेकिन ब्याज अधिक होने के कारण वह समय पर भुगतान नहीं कर पा रही हैं। एजेंटों के दुर्व्यवहार और धमकियों से परेशान होकर वह लेहड़ा नर्सरी में रहने लगी हैं।
किस्त न भरने पर सिलेंडर उठा ले गए एजेंट
अनंतपुर गांव की सोनी ने दो महीने पहले 40 हजार रुपये कर्ज लिया था। जब किस्त देने में देरी हुई, तो वसूली एजेंट उनके घर पहुंचे, गाली-गलौज किया और घर का सिलेंडर जब्त कर ले गए। तंग आकर सोनी अपने पति के साथ गोरखपुर चली गईं, जहां उनके पति मजदूरी करते हैं।