महराजगंज। किसी गरीब परिवार में जन्मी बच्ची के विवाह के खर्च की चिंता सरकार ने कम करने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शुक्रवार को नगर के एक लॉन में सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ। इसमें विभिन्न धर्म के 226 जोड़ों का विवाह उनकी रीति-रिवाज से कराया गया। विवाह के बाद दुल्हन को दस हजार रुपये की सामग्री भी उपहार स्वरूप दी गई, इसके अलावा विवाह का प्रमाण पत्र दिया गया।
एक ही परिसर में हिन्दू, इस्लाम व बौद्ध धर्म के जोड़ों का विवाह अलग-अलग उनकी रीति रिवाज से कराया गया। पूरे परिसर को गुब्बारों व फूलों से सजाया गया था। विवाह समारोह में कुल 226 जोड़ों का विवाह हुआ। इनमें अल्पसंख्यक के 15, अन्य पिछड़ा वर्ग के 122, अनुसूचित जाति के 81 व सामान्य वर्ग के आठ जोड़ों का विवाह कराया गया।
इस दौरान नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए पनियरा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि सामूहिक विवाह का आयोजन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ड्रीम प्रोजेक्ट योजना है। पहले किसी गरीब के घर बच्ची पैदा होती थी ती वहां के लोग चिंतित हो जाते थे। लेकिन सरकार ने माता पिता के दुख को समझा और विवाह के आयोजन का खर्च उठा रही है। पीडी रामदरस चौधरी ने कहा कि सरकार एक जोड़े के विवाह पर कुल 51 हजार रुपये खर्च करती है। दस हजार रुपये का सामान उपहार स्वरूप दिया जाता है। छह हजार रुपये बारातियों व घरातियों के भोजन, नाश्ता व आयोजन पर खर्च किया जाता है।
इस सामूहिक विवाह में सदर विधानसभा के जोड़े सबसे अधिक थे। विवाह समारोह में सदर विधान सभा क्षेत्र के 83, नौतनवा के 61, सिसवा के 32, फरेंदा के 19, पनियरा के 31 जोड़ों का विवाह हुआ।