कहीं आप भी तो नहीं खरीद रहे चीन का सस्ता सेब महंगे में

महराजगंज। मुनाफाखोर हर चीज़ में फायदा ढूंढ ही लेते हैं। अब चीन के सस्ते सेब से धंधेबाज मालामाल हो रहे हैं। नेपाल में 60-65 रुपये प्रति किलो के बीच चीन का सेब मिल रहा है। इसे भारतीय सीमा में पहुंचाकर धंधेबाज 120 से 160 रुपये प्रति किलो मुनाफा कमा रहे हैं।

बीते 3 फरवरी को 170 पेटी चीन का सेब बरामद हुआ था। नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में तस्कर सेब डंप करते हैं। फिर मौके मिलते ही बॉर्डर के पगडंडियों के रास्ते भारत लेकर आ जाते हैं। खास बात यह है कि सेब बाजार में आने के बाद पहचान में नहीं आता है, जिसका फायदा धंधेबाज उठाते हैं।

जानकारी के मुताबिक, जिले में भारत-नेपाल की 84 किलोमीटर खुली बॉर्डर पर मुख्य मार्ग के अलावा तमाम पगडंडियां भी हैं। भारत सरकार की ओर से समय-समय पर तमाम वस्तुओं की उपलब्धता और नुकसान के कारण प्रतिबंध लगा दिया जाता है। यह प्रतिबंध सिर्फ भारतीय वस्तुओं पर ही लागू नहीं होता है। बल्कि नेपाल से आने वाली तमाम वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

इन वस्तुओं की सूची कस्टम कार्यालय उपलब्ध कराती है। वहीं जानकारों का कहना है कि भारत और नेपाल के धंधेबाज दोनों देशों के बाजारों पर नजर बनाकर रखते हैं। फिर बाजारों में संबंधित वस्तुओं की डिमांड और मूल्य का आकलन कर धंधेबाज तस्करी को अंजाम देते है। ऐसे में तस्कर इन दिनों बॉर्डर की पगडंडियों से चीन के सेब की तस्करी कर मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में जुटे हैं।

दोनों देशों के बाजारों में सेब की कीमत में दोगुना अंतर होने के कारण सेब की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। धंधेबाज नेपाल से भारत में चीन के सेब की खेप भेजते हैं। ऐसा नहीं है कि बाॅर्डर पर सुरक्षा एजेंसियां इन तस्करी के खेप को बरामद कर कार्रवाई नहीं करती हैं, लेकिन बॉर्डर की पगडंडियों के रास्ते भेजते हैं।

निचलौल कस्टम अधीक्षक केएन सिंह ने बताया कि भारत-नेपाल बॉर्डर के मुख्य नाका पर सुरक्षा एजेंसियां काफी सतर्क हैं। दोनों ओर से आने-जाने वाले लोगों की गहनता से जांच की जाती है। समय-समय पर कार्रवाई कर बरामदगी भी की जाती है। कस्टम टीम भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ छापा मारकर कार्रवाई करती है।