महराजगंज। यदि आपका लाडले बच्चे ने मोबाइल देखने की लत लगा ली है, तो सतर्क हो जाइए। वरना बहुत जल्द उसकी आंख की रोशनी कम हो जाएगी। रोशनी कम होने पर उसे लौटाना मुश्किल हो जाएगा। बच्चे को आजीवन चश्मा लगाना पड़ेगा। जिला अस्पताल में इस बीमारी से हर रोज करीब 40 मासूम पीड़ित पहुंच रहे हैं। डॉक्टर इन्हें दवा लेने के साथ ही चश्मा लगाने की सलाह दे रहे हैं।
100 बेड वाले जिला अस्पताल में हर रोज करीब एक हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें 150 से लेकर 200 आंख पीड़ित मरीज शामिल हैं। मंगलवार को अपराह्न दो बजे तक 1007 मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे। इसमें 202 आंख पीड़ित शामिल हैं। इन आंख पीड़ितों में 38 मासूम शामिल हैं। इन मासूमों की उम्र चार साल से लेकर 16 वर्ष तक है। अधिकांश मासूम पीड़ितों को अक्षर दिखाई ही नहीं दे रहा था। डॉक्टर की पूछताछ में इन विद्यार्थियों ने अधिक समय तक मोबाइल उपयोग करने की बात बताई है। देर तक रील और ऑनलाइन पढ़ाई की बात स्वीकार की है।
जिला अस्प्ताल के नेत्र परीक्षक डॉ. अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि अधिक देर तक मोबाइल का प्रयोग करना हर आयुवर्ग के लोगों के लिए हानिकारक है। मासूमों के आंख की पानी सूखने लगती है। आंख की पानी सूखने से रोशनी कम होने के साथ ही दर्द होता है। हर रोज 35 से 40 मासूम पीड़ित पहुंच रहे हैं
जिला अस्पताल के नेत्र सर्जन डॉ. निरंजन सिंह ने बताया कि मोबाइल का अधिक प्रयोग करने से कम समय में मासूमों की आंख की रोशनी कम हो जा रही हैं। मासूम के परीजनों को बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के साथ ही कोर्स भर दवा लेने और चश्मा उपयोग कराने की सलाह दी जा रही है।