महराजगंज। बाकी क्षेत्रों की तरह जिले में अवैध हास्पिटल संचालित होने का धंधा भी इन दिनों खूब चल रहा है। शहर से लेकर गांव और गली में हास्पिटल संचालित हैं। डॉक्टरों के नाम पर कई हास्पिटलों में अप्रशिक्षित मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मामले की जानकारी होने पर स्वास्थ्य प्रशासन शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब तक नौ हास्पिटलों के खिलाफ कार्रवाई भी किया है।
हास्पिटल खोलने के लिए सीएमओ कार्यालय से पंजीकरण कराना होता है। आवेदन के बाद प्राइवेट हास्पिटल के नोडल अधिकारी अभिलेखों के आधार पर उसका भौतिक सत्यापन करते हैं। मानक पूरा होने पर ही मरीजों का इलाज करने के लिए लाइसेंस जारी किया जाता है। सीएमओ कार्यालय में सिर्फ 116 हास्पिटल का पंजीकरण है, लेकिन इससे चार गुना अधिक हास्पिटल संचालित हो रहे हैं। शहर से लेकर गांव और गलियों में हास्पिटल चल रहे हैं। डॉक्टरों के नाम पर कई हास्पिटलों में अप्रशिक्षित मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अवैध रूप से संचालित इन हास्पिटलों में मरीजों की आर्थिक शोषण हो रहा है।
हास्पिटल का पंजीकरण कराने के लिए डॉक्टर का नाम और उसकी डिग्री आवेदन के साथ देना होता है। डॉक्टर के नाम और डिग्री की जांच के बाद हास्पिटल का पंजीकरण होता है। एक ही डॉक्टर के नाम पर कई हास्पिटल संचालित हैं।
अवैध रूप से संचालित या मानक पूरा नही कर हास्पिटल संचालक गंभीर से गंभीर बीमारी के मरीजों को भर्ती कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर भाड़े के डॉक्टर को बुलाकर मरीज का ऑपरेशन करा रहे हैं। ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर अपने घर चले जाते हैं। इसके बाद मरीजों का इलाज व देखभाल अप्रशिक्षित हाथों में चला जाता है।
बिना पंजीकरण के हास्पिटल संचालित होने की शिकायत बार-बार मिल रही थी। अभियान के साथ ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। पंजीकरण कराए हास्पिटलों में डॉक्टर नहीं मिलने पर चेतावनी नोटिस जारी किया गया है। बिना पंजीकरण के मिले हास्पिटलों को सील कर दिया गया है। मरीजों के स्वास्थ्य के खिलवाड़ करने वाले हास्पिटलों को बख्शा नहीं जाएगा।