महराजगंज। बीते दिनों प्रयागराज में हुई भगदड़ में मरने वालों में महराजगंज की भी एक महिला शामिल थी। महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में निचलौल तहसील क्षेत्र स्थित हेवती निवासिनी बुजुर्ग रमना की भी जान गई थी। 72 साल की रमना गांव के लोगों के साथ 25 जनवरी को ट्रेन से स्नान करने गई थीं। वहां भगदड़ में मरने वाले 30 लोगों में वह भी शामिल थीं। उनके परिवारीजनों को शासन की सहायता दिलाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने पहल की है।
निचलौल तहसील क्षेत्र स्थित हेवती गांव निवासिनी रमना के पति कैलाश की मौत पहले ही हो चुकी थी। उनके दो बेटे योगेंद्र और शिब्बन लाल कतर में नौकरी करते हैं। उनकी बेटी की शादी हो चुकी है। रमना अपने गांव के लोगों के साथ 25 जनवरी को ट्रेन से महाकुंभ स्नान करने गई थीं। भगदड़ के दौरान उनकी मौत हो गई। इसकी सूचना साथ गए लोगों ने घर पर दी थी। रमना के दामाद अरविंद प्रयागराज गए और एम्बुलेंस से उनका शव लेकर छह फरवरी की रात गांव आ गए। डीएनए जांच के बाद प्रयागराज प्रशासन ने शव सौंपा था। उनका अंतिम संस्कार सात फरवरी को कर दिया गया।
रमना के छोटे पुत्र शिब्बन लाल सात फरवरी की रात घर पहुंचे। बताया कि प्रयागराज में 15 हजार रुपये सरकारी सहायता के रूप में मिले थे। नायब तहसीलदार सिसवा पीयूष जायसवाल ने मृतका के घर पहुंचकर उसके परिवार को सहायता दिलाने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी की। एडीएम पंकज कुमार वर्मा ने कहा कि महाकुंभ में जिन तीस श्रद्धालुओं की मौत हुई थी उनमें जिले की एक महिला भी शामिल थीं। डीएनए सैंपल की जांच के बाद उनकी पहचान हो चुकी है।