महराजगंज। अधिवक्ता संशोधन विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को जनपद के अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया। इसके बाद राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र डीएम को सौंपा। उधर, तहसील में भी अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया।
सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष करुणाकरपति त्रिपाठी ने कहा कि सरकार अधिकार देने की जगह छीनकर स्वायत्त संस्थाओं पर कब्जा चाहती है, जिसे किसी कीमत पर पूरा नहीं होने दिया जाएगा। अधिवक्ताओं ने प्रस्तावित विधेयक की प्रतियों को प्रतीकात्मक रूप में जलाकर प्रदर्शन किया।
शुक्रवार को जनपद के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे और सिविल के अलावा कलक्ट्रेट व टैक्स बार एसोसिएशन के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया में केंद्र सरकार अपने तीन सदस्य शामिल करना चाहती है, जिससे अधिवक्ताओं के मामलों में सरकार का नियंत्रण हो जाए जो हमें कमजोर करने की साजिश और न्यायतंत्र के निजीकरण का प्रयास है।
कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जीतेंद्र लाल श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार को अधिवक्ताओं को पेंशन, बीमा और स्टार्टअप फंड देकर उन्हें अधिकार देने की जगह जो अधिकार हैं उसे भी छीनने का प्रयास कर रही है। सिविल बार एसोसिएशन के महामंत्री अनूप सिंह ने कहा कि यह संशोधन विधेयक अधिवक्ताओं के मौलिक अधिकारों के विरुद्ध है। यदि अधिवक्ता की विधिक सेवाएं स्वतंत्र नहीं रहेंगी तो वह सरकार के विरुद्ध मुकदमों की पैरवी कैसे करेगा।
फरेंदा प्रतिनिधि के अनुसार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन फरेंदा के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर कलम बंद हड़ताल किया। साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी मुकेश कुमार सिंह को सौंपा।
प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं का कहना है कि 21 फरवरी को भारत सरकार की ओर से अधिवक्ता अधिनियम से संबंधित कानून में संशोधन कर अधिवक्ताओं के अधिकार का हनन करने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संगम पांडेय, विजय तिवारी, विरेंद्र तिवारी, हरिश्चंद्र पांडेय, नवीन मिश्रा, त्रिपुरेश पांडेय, सुनील चौधरी मौजूद रहे।