महराजगंज। मिलावट का खेल करने वालों को दूसरों की सेहत का ख्याल नहीं है। बाजार में घी की बढ़ती मांग का फायदा धंधेबाज उठा रहे हैं। असली घी के नाम पर बटर ऑयल मिला घी बिक रहा है। इससे सेहत भी खराब हो जाएगी।
देसी घी की खुशबू के लिए केमिकल डाई एसिटाइल की कुछ बूंदे डालनी होती हैं। फिर इससे देसी घी की खुशबू आती है। यह देसी घी 600 रुपये किलो के भाव में मार्केट में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
शहर में दुकानों पर शुक्रवार शाम को पहुंचने पर मिलावट के खेल के बारे में जानकारी हुई। सस्ते के चक्कर में मिलावट वाला घी बाजार में बिक रहा है। ग्राहक तो समझ नहीं पाएगा कि यह असली है या मिलावट वाला। दुकानदार को पूरी जानकारी होती है। बाजार में स्पर्धा को देखते हुए रेट कम कर देशी घी बेचने के चक्कर में मिलावट वाला बेचा जा रहा है। सूत्रों की माने तो गांव की शुद्ध देशी घी की बात कर मिलावटी बेचा जा रहा है। शुद्ध देशी घी बाजार में कम से कम 1200 रुपये प्रति किलो की दर से मिलता है। बाजार में पैक घी अलग-अलग रेट का है। औसतन 600 रुपये प्रति किलो के हिसाब से घी मिलता है। सस्ते दर पर मिलने वाले घी में मिलावट होती है।
दरअसल, बाजार में बड़ी मात्रा में देसी घी के नाम पर पाम ऑयल और बटर ऑयल का मिश्रण है, जिसमें देसी घी की खुशबू के लिए केमिकल डाई एसिटाइल की कुछ बूंदें डाली होती हैं। हालांकि, यह घी खतरनाक है। इससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है। सूत्रों की माने तो धंधेबाज रिफाइंड ऑयल और अन्य केमिकल की मिलावट कर देसी घी बना देते हैं।