Maharajganj News : सिसवा बुजुर्ग में राशन का 'काला खेल', जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच

15 Oct 2025 19:16:17

महराजगंज। सिसवा बुजुर्ग के उचित दर विक्रेता (राशन डीलर) रामप्यारे पर राशन वितरण में कालाबाजारी के गंभीर आरोप लगे हैं। जिला प्रशासन की जांच में पाया गया कि विक्रेता ने सरकारी राशन की बड़ी मात्रा में हेराफेरी की है, जिसके बाद उसपर केस दर्ज हुआ है।

यह मामला गरीब कार्डधारकों की शिकायतों से शुरू हुआ, जो अब कानूनी कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है। मामले की शुरुआत विगत अगस्त माह से हुई, जब कई कार्डधारकों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायतें दर्ज कराईं। शैलेंद्र कुमार, निवासी सिसवा बुजुर्ग, ने 26 अगस्त को शिकायत किया कि कोटेदार राम प्यारे राशन नहीं बांटते और कार्डधारकों को परेशान करते हैं।

इसी तरह, बुलेनारा खातुन ने 16 अगस्त को और अशोक चौधरी ने 20 अगस्त को शिकायत की। इन शिकायतों के आधार पर 11 सितंबर को पूर्ति निरीक्षक बालेश्वर मणि त्रिपाठी ने मौके पर जांच की। जांच के दौरान दुकान बंद मिली, जबकि विक्रेता मौजूद थे। उन्होंने बताया कि सुबह वितरण हुआ था लेकिन गोदाम की चाबी उनके लड़के के पास है। इस दौरान कोई अभिलेख नहीं दिखाया गया।

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जांच में कई अंत्योदय और पात्र गृहस्थी कार्डधारकों के बयान दर्ज किए गए जो विक्रेता के व्यवहार से बेहद असंतुष्ट थे। अंत्योदय कार्डधारक राधिका ने कहा, कोटेदार कभी अंगूठा लगवाने के बाद राशन नहीं देते। चीनी तो महीनों से नहीं मिली। इसी तरह इसरावती ने बताया कि उनके पिता से अंगूठा लगवाया लेकिन केवल 2.5 किलो चीनी दी गई। गेहूं-चावल बाद में देने को कहा। गृहस्थी कार्ड धारकों ने शिकायत की कि विक्रेता हमेशा दौड़ाते हैं। 25 किलो राशन के बदले 23 किलो देते हैं और कभी-कभी पूरे महीने का राशन हड़प लेते हैं। करीब 25 से अधिक कार्डधारकों उन कोटेदार की शिकायत की। उन्होंने कहा कि राम प्यारे का व्यवहार खराब है। वे दुकान अक्सर बंद रखता है। राशन में 1-2 किलो की कटौती करता है और अंगूठा लगवाने के बाद भी राशन नहीं देता।

इन अनियमितताओं को देखते हुए 20 सितंबर को राम प्यारे की दुकान को निलंबित कर दिया गया और इसे सिसवा खुर्द की विक्रेता बबली देवी की दुकान से जोड़ दिया गया। लेकिन राम प्यारे ने अवशेष राशन, ई-पॉस मशीन और अन्य उपकरण नहीं सौंपे। बबली देवी ने छह अक्तूबर को शिकायत की कि उन्हें अगस्त से अक्तूबर तक का राशन नहीं मिला।

इस पर आठ अक्तूबर को दोबारा जांच हुई। स्टॉक सत्यापन में 22 बोरी गेहूं (11 क्विंटल) और 23 बोरी चावल (11.5 क्विंटल) मिले जबकि ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार 81.059 क्विंटल गेहूं और 122.292 क्विंटल चावल होना चाहिए था। इस तरह 70.059 क्विंटल गेहूं और 110.792 क्विंटल चावल की कमी पाई गई जो कालाबाजारी का संकेत है। राम प्यारे ने बयान में स्वीकार किया कि उनके पास केवल इतना ही स्टॉक है।


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