महराजगंज। सिविल जज (अवर खंड) त्वरित न्यायालय, कोर्ट संख्या-एक/न्यायिक मजिस्ट्रेट (महिलाओं के विरुद्ध अपराध) ने मारपीट और गाली-गलौज के मामले में थाना निचलौल को अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू करने का आदेश दिया है। यह आदेश 17 अक्तूबर 2025 को पारित किया गया, जिसके अनुपालन में शुक्रवार को केस दर्ज किया गया।
मामला थाना निचलौल क्षेत्र के एक गांव का है। पीड़िता तीन बेटियों की मां है और मजदूरी करके जीवन यापन करती है। उसके पति दूसरे राज्य में रोजगार के लिए गए हैं। महिला का आरोप है कि नथुनी चौहान आए दिन उनके घर के सामने कूड़ा फेंककर झगड़ा करता है।
25 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजे नथुनी अपनी पत्नी कुसुमावती देवी, अनीता और रजनी के साथ छत पर कूड़ा फेंक रहा था। मना करने पर गाली-गलौज करने लगा। नथुनी ने बांस का डंडा लेकर महिलाओं को ललकारा और जान से मारने की धमकी दी।
पीड़िता के अनुसार, आरोपी घर में घुस आए, डंडे से मारा और कपड़े फाड़ दिए। बचाव में आई तीनों बेटियों को भी पीटा। शोर सुनकर ग्रामीण जुटे तो आरोपी जान से मारने और फर्जी मुकदमा फंसाने की धमकी देकर भागे। पत्रावली से पता चला कि 24 मार्च 2025 को कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को परिवाद माना।
इसके खिलाफ महिला ने फौजदारी निगरानी दाखिल की। इस पर 26 अगस्त 2025 को अपर सेशन न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने संज्ञेय अपराध, गवाहों के बयान, चोटों की आख्या और घटना के तथ्यों पर पर्याप्त विचार नहीं किया।
चिकित्सकीय रिपोर्ट में दोनों पक्षों के घायल होने की पुष्टि हुई है। निचलौल थानाध्यक्ष अखिलेश वर्मा ने बताया कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में केस दर्ज किया जाएगा।