
महराजगंज। जिले में नकबजनी व गोवंश तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने अचानक अभियान छेड़ दिया है। तेजी से काम कर रही है। जिले में अलग अलग स्थानों पर वाहनों की जांच हुई। पुल के पास व संभावित स्थानों पर जांच की गई।
खासकर उन वाहनों की जांच विशेष रूप से हुई जिससे पशुओं को ले जाने के आशंका थी। ओवरलोड व बिना नंबर प्लेट के साथ यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की जांच की गई। ओवरलोड वाहनों, बिना नंबर प्लेट वाहनों को चालान काटा गया।
शनिवार रात के 11 बजे रहे थे। सन्नाटे को चीरती हुई साइरन की आवाज गूंजी तो कोई कुछ समझ नहीं सका। पुलिस अधीक्षक साेमेंद्र मीणा ने अचानक यह जांच शुरू कराई। नकबजनी व गोवंश तस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अचानक संवेदनशील क्षेत्र में जांच की गई।
कोई कुछ समझ नहीं सका। अचानक संदेश भेजकर जांच शुरू करा दी गई। पुलिस अधीक्षक स्वयं कोठीभार थाना क्षेत्र के गुरली रमगढवा पुल पर पहुंचे। यहां टार्च की रोशन में पुल के नीचे और आसपास क्षेत्र की कांबिंग की गई। यह कुशीनगर जिले से लगा हुआ है। इस क्षेत्र में पशु तस्करों की गतिविधियां होती रहती हैं। इस वजह से क्षेत्र में कड़ी जांच की गई।
पशु तस्करों के सिंडिकेट को तोड़ने के लिए पुलिस की ओर से मजबूत जाल बिछाया गया है। गोपनीय ढंग से सूचनाएं एकत्र कर प्रभावी कार्रवाई की योजना है। कोठीभार थाना क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक ट्रक रोककर इसकी जांच की। जरूरी प्रपत्रों की जांच के बाद छोड़ा गया। भिटौली और श्यामदेउरवा क्षेत्र में करीब करीब 12 बजे रात को एसपी की गाड़ी पहुंची।
उन्होंने संवेदनशील क्षेत्र की जांच करने के साथ ही पीकेट डयूटी पर तैनात कर्मियों की क्रियाशीलता की परख की। एसपी ने निर्देश दिया की ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है। ऐसे में क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दें। हर छोटी बड़ी सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करें। गुजरे वक्त में परतावल क्षेत्र में ही पिकअप पर मवेशी बरामद हुए थे।
ऐसे में इस क्षेत्र में कड़ी निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरी ओर अपर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ ने मोर्चा संभाला था। उन्होंने पनियरा थाना क्षेत्र में अगल-अलग स्थानों पर जांच की। इसके अलावा चौक, नौतनवा, फरेंदा, बृजमनगंज, पुरंदरपुर, सोनौली, सदर कोतवाली, निचलौल समेत अन्य थाना क्षेत्र में थानेदार गश्त करते रहे।
प्रत्येक हलचल के बारे में उच्चाधिकारियों को अपडेट करते रहे। तस्करी के रोकथाम के लिए सड़क एवं पगडंडी का भी निरीक्षण किया गया।