
महराजगंज। एसआईआर (State Information Register) प्रक्रिया में नेपाल से भारत में शादी करके आने वाली युवतियों की नागरिकता को लेकर तरह-तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि उनकी नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। एडीएम डाॅ. प्रशांत कुमार ने नेपाल की बेटियों के भारतीय बहू बनने के चलते गणना प्रपत्र में क्या भरना इसे पूरी तरह साफ कर दिया है।
एडीएम ने बताया कि सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि एसआईआर का अभी पहला चरण है, इसमें गणना प्रपत्र पर सामान्य जानकारी ही भरनी है। कोई साक्ष्य नहीं देना है। गणना प्रपत्र जांच के बाद आयोग तय करेगा किससे क्या प्रपत्र लेना है। आयोग इस बात से अनभिज्ञ नहीं कि दोनों देशों में वैवाहिक संबंध चले आ रहे हैं। बिना प्रावधान के यह राष्ट्रीय प्रक्रिया नहीं शुरू की गई।
नेपाली बेटी भरेंगी पति का विवरण : एसआईआर गणना प्रपत्र में भारतीय क्षेत्र की बेटी जो एक क्षेत्र से दूसरे भारतीय क्षेत्र की बहू बनी वह गणना प्रपत्र में मायका पक्ष का (माता पिता) विवरण भर रही हैं। वहींं अगर नेपाल की बेटी भारतीय बहू बनी है तो उसे कोई विवरण नहीं भरना है सिर्फ उसे अपने पति का विवरण ही भरना है।
इसके बाद किसी कारण नोटिस जारी होती है तो नागरिकता साबित करने के लिए महिला नेपाल (अपने गृह क्षेत्र) के प्रधान या फिर वार्ड पंच को एक आवेदन में विषय की जानकारी के साथ हस्ताक्षर और मोहर लगा कर देना होगा कि इस बेटी का विवाह भारत के उक्त जनपद में हुआ है।
यह प्रक्रिया बिहार में सफलता पूर्वक पूरी जा चुकी है। बिहार के भी कई जिलों में नेपाल की बेटियां शादी के बाद भारतीय परिवार का हिस्सा बनी हैं।