महराजगंज। जंगल सफारी में पर्यटकों को वन्यजीवों को देखने का मौका मिलेगा। गाइड उनको सुरक्षित ढंग से वन क्षेत्र का सफर कराएंगे। आने वाले दिनों में वन क्षेत्र पर्यटकों से गुलजार होगा।
वन टांगिया की जीवन शैली को भी देखने का मौका पर्यटकों को मिलेगा। वन क्षेत्र में भ्रमण के लिए दो रूट बनाए गए हैं। वर्तमान में वन क्षेत्र में रास्ता ठीक नहीं है। अभी रामग्राम तक सफर हो सकेगा।
करीब 34 किलोमीटर के जंगल के सफर में अनेक प्रकार के वन्य जीव और पक्षियों को देखा जा सकता है। इको टूरिज्म कार्यक्रम के तहत औपचारिक रूप से जंगल सफारी का शुभारंभ सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया ने किया। दो रूटों पर सफारी के रोमांच का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को 3700 रुपये खर्च करने होंगे। फिलहाल, इसकी बुकिंग उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म की वेबसाइट (यूपी इको टूरिज्म डॉट इन) पर सोहगीबरवां वन्यजीव प्रभाग का विकल्प चुनकर की जा सकती है। जल्द ही काउंटर पर बुकिंग होगी।
सफारी के प्रत्येक ट्रिप से वन विभाग को 300 रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। वन विभाग की ओर से जंगल सफारी के लिए दो रूट तय किए गए हैं। 12 किलोमीटर के पहले रूट की शुरुआत चौक से होगी।
कुसमहवा, रामग्राम, सोनाड़ी देवी मंदिर होते हुए वापस चौक पर पर्यटकों को छोड़ा जाएगा। इस रूट पर जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को 1500 रुपये खर्च करने होंगे। दूसरा रूट 22 किलोमीटर का होगा, जो चौक से प्रारंभ होकर कुसमहवा, 24 वनटांगिया, ट्रामवे चौराहा, मधवलिया, सिंगरहना होते हुए वापस चौक पहुंचेगा। इस रूट के लिए पर्यटकों को 2200 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
जंगल सफारी के दोनों रूट पर तेंदुआ, हिरण, भालू, जंगली बिल्ली, लोमड़ी, नीलगाय, चीतल, बारहसिंगा, बंदर, लंगूर, नेवला, गिलहरी, सेही आदि का दीदार हो सकेगा। पक्षियों में मोर, बटेर, जंगली मुर्गी, कबूतर, बगुला, चील, गिद्ध, उल्लू, गौरैया, तोता आदि नजर आएंगे। वहीं, सिंगरहना ताल में प्रवासी पक्षी के रूप में लालसर, नीलसर, कामन पोचर्ड, कामन टील, विजिपेन, नारगेनी, सोवलर व पिनटेल आदि पक्षी दिखेंगे।