महराजगंज। किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेकर जरूरी काम करने वाले लोग 129 करोड़ रुपये लेकर बैठ गए। बैंक ने इसे एनपीए घोषित कर खाते को बंद कर दिया है। जिले में 15232 केसीसी के खातेदार की श्रेणी में हैं। लीड बैंक की ओर से जारी सूची में इनको डिफाल्टर खाताधारक घोषित किया गया है।
जानकारी के अनुसार, जिले में सरकारी और गैर सरकारी 16 बैंकों में किसान क्रेडिट कार्ड के एक लाख छह हजार खातेदार हैं, जिन्होंने केसीसी ऋण लिया है। इसमें 90,768 ऐसे खातेदार हैं जो नियमित बैंक से लिए गए कर्ज जमा कर रहे हैं लेकिन इसमें करीब 15232 ऐसे खाते हैं, जो ऋण लेने के बाद भी समय से जमा नहीं कर रहे है। उन्हें एनपीए की श्रेणी में रखा गया है।
इन खातों पर बैंकों का 129 करोड़ रुपये बकाया है। संबंधित बैंक लगातार बकाएदारों से ऋण राशि जमा कराने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन सफलता नहीं मिल रही।
किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए एक मानक होता है। इसके इतर केसीसी नहीं बनाया जा सकता है। मसलन, गेहूं की उपज पर 85 हजार और धान की उपज पर 69 हजार प्रति हेक्टेयर के हिसाब से केसीसी बनाया जाता है। इसे कम या ज्यादा नहीं किया जा सकता है।