
महराजगंज। अनुसूचित जनजाति (एसटी) का जाति प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने की मांग को लेकर गोंड-धुरिया समाज के छात्रों ने सोमवार को फरेंदा तहसील परिसर में भूख हड़ताल शुरू कर दी। छात्रों का आरोप है कि तहसीलदार द्वारा भारत के राजपत्र एवं उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश के बावजूद उनके आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं।
कहा कि इससे वे विभिन्न भर्तियों और प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित हो रहे हैं। भूख हड़ताल का नेतृत्व समाज के जिलाध्यक्ष अंगद गोंड कर रहे हैं। उनके साथ वशिष्ठ गोंड, दिलीप गोंड, नंद्रिका गोंड, बनवारी लाल धुरिया, गंगाराम गोंड, मुकेश धुरिया, लालमन धुरिया, रामकरन गोंड, बाबूलाल गोंड, दीपक धुरिया, सुदामा प्रसाद सहित बड़ी संख्या में छात्र एवं समाज के लोग हड़ताल पर बैठे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रमाण पत्र न मिलने के कारण वे आंगनबाड़ी भर्ती, एसएससी जीडी, होमगार्ड भर्ती, छात्रवृत्ति एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित हो रहे हैं। जबकि उनके परिवार के कई सदस्यों के अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र पूर्व में जारी हो चुके हैं।
इन लोगों ने बताया कि अमित श्याम गोंड के भाई, प्रियांशु श्याम के चाचा, छात्रा लक्ष्मी के पिता, हरिओम धुरिया व रजत गोंड के पिता को पहले ही प्रमाण पत्र मिल चुका है। इसके अलावा कई परिवारों के पास टीसी व अन्य अभिलेखों में गोंड/धुरिया जाति दर्ज होने के साक्ष्य मौजूद हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे लोगों ने आरोप लगाया कि शासनादेश के विरुद्ध हल्का लेखपालों द्वारा गलत रिपोर्ट लगाकर आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। उन्होंने संबंधित लेखपालों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई, तहसीलदार फरेंदा का गैर जनपद स्थानांतरण तथा शपथ पत्र के आधार पर शीघ्र जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है।