Maharajganj News : शीतलहर ने बढ़ाई अस्पतालों की भीड़, अस्थमा और बीपी मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित

19 Dec 2025 10:53:46

महराजगंज। ठंड में इजाफा होने के साथ ही बीते तीन दिन से हृदय और अस्थमा के रोगियों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। पहले इमरजेंसी में एक-दो मरीज ही पहुंचते थे लेकिन शीतलहर के चलते मरीजों की संख्या बढ़कर 25 से 30 हो गई है।

जिला अस्पताल की ओपीडी के साथ निजी अस्पतालों में भी मरीजों की कतार लग रही है। इन दिनों सीएचसी में प्रतिदिन 20 से 25 और पीएचसी में 15 से 20 सांस के मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, पहले इमरजेंसी में एक-दो मरीज ही पहुंचते थे लेकिन अब यह संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी के साथ-साथ निजी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में भी मरीजों की कतारें लग रही हैं।

यह भी पढ़ें : तीसरे दिन भी जारी रहा इनकम टैक्स का शिकंजा! शुभम हीरो एजेंसी में घंटों चली पूछताछ

डॉक्टरों का कहना है कि ठंडी हवा, कोहरा और प्रदूषण के कारण दमा और हृदय रोगियों की स्थिति बिगड़ रही है। ठंड में रक्त नलिकाओं के संकुचन और शरीर के तापमान में गिरावट से ब्लड प्रेशर असंतुलित हो जाता है, इससे हृदय रोगियों को अधिक खतरा रहता है।

जिला अस्पताल के डॉ. रंजन सिंह ने बताया कि ठंड के दिनों में ब्लड प्रेशर के मरीजों को सिर ढककर ही बाहर निकलना चाहिए और नियमित रूप से बीपी की जांच कराते रहनी चाहिए। चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाओं की डोज को मौसम के अनुसार संशोधित कराना जरूरी है।

सुबह नींद से उठते ही अचानक ठंडी हवा में बाहर निकलने से बचें। शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखना बेहद आवश्यक है। इमरजेंसी में इलाज करा रही महिला मरीज रेखा ने बताया कि सुबह से सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी और बेचैनी बढ़ने पर अस्पताल आना पड़ा। इंजेक्शन और दवा मिलने के बाद कुछ राहत मिली है।

सावधानियां जरूरी
घर की नियमित सफाई करें और बिस्तर व गद्दों की चादरें समय-समय पर धोते रहें। नम हवा वायुमार्ग को बेहतर रखने में सहायक होती है। यदि संभव हो तो घर के अंदर ही हल्का व्यायाम करें। धूम्रपान, सिगरेट, अंगीठी और स्टोव के धुएं से दूर रहें। पालतू जानवरों को शयनकक्ष से बाहर रखें और हीटिंग सिस्टम के फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें।

बाहर निकलते समय रखें ध्यान
ठंड में बाहर जाते समय स्कार्फ या मास्क जरूर पहनें। प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर अनावश्यक बाहर न निकलें। ठंडी हवा के साथ-साथ ठंडे पेय और खाद्य पदार्थों से बचें। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं और इनहेलर हमेशा साथ रखें और समय पर उनका उपयोग करें।

सामान्य उपाय
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें ताकि बलगम पतला रहे। फ्लू और निमोनिया के टीके लगवाने से संक्रमण का खतरा कम होता है। हाथों की नियमित सफाई और सेनेटाइजेशन से कीटाणुओं से बचाव संभव है। अस्थमा के मरीज बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें।


Powered By Sangraha 9.0