सोनौली। फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारतीय पासपोर्ट बनवाने के आरोप में शनिवार रात आव्रजन कार्यालय पर 28 साल की एक नेपाली महिला को गिरफ्तार किया गया। आरोपी महिला हांगकांग जाने के प्रयास में थी पर उसकी एक छोटी सी गलती ने उसका भंडाफोड़ कर दिया।
जांच के दौरान महिला के पास नेपाल का नागरिकता प्रमाण पत्र भी मिला। आव्रजन अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया और रविवार सुबह कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
नेपाली भाषा और अराइवल स्टांप की बात ने पकड़वाया
जानकारी के अनुसार, शनिवार रात करीब दस बजे आव्रजन कार्यालय पर एक नेपाली महिला पहुंची और उसने भारतीय पते पर बने पासपोर्ट पर अराइवल स्टांप लगाने का आग्रह किया। भारतीय नागरिकों को अराइवल स्टांप की आवश्यकता नहीं होती है। इस वजह से अधिकारियों को शक हुआ तो उससे पूछताछ शुरू की गई।
जब उसने नेपाली भाषा में बात की तो अधिकारियों का संदेह और बढ़ गया। उन्होंने तत्काल उसे हिरासत में ले लिया और सोनौली पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस की पूछताछ में महिला ने सारी सच्चाई बयान कर दी। उसने बताया कि वह हांगकांग में घरेलू कार्य करने के लिए जाना चाहती थी लेकिन नेपाल सरकार के निर्देशों के अनुसार कोई भी नेपाली महिला हांगकांग में घरेलू काम के लिए नहीं जा सकती। इसलिए उसने फर्जी दस्तावेज पर भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया।
भारतीय पासपोर्ट पर तेलंगाना का पता
महिला के पास जो नेपाल का नागरिकता प्रमाणपत्र मिला उस पर उसका नाम शर्मीला लामा, पिता कवांग दोर्जे लामा, निवासी नया गांव, देउपुर जिला कावेरेपालन चौक दर्ज था। शर्मीला ने अपने संपर्कों के माध्यम से फर्जी कागजात की मदद से तेलंगाना के पते पर भारतीय पासपोर्ट बनवा लिया।
भारतीय पासपोर्ट पर उसका नाम सोनिया श्रेष्ठ पुत्री मनोज निवासी बोन्थपल्ली गुम्मदीदल संगरेड्डी, तेलंगाना था। पूछताछ में शर्मीला लामा ने स्वीकार किया की उसने नाम व पता बदल कर भारतीय दस्तावेज बनवाया है।
कोतवाल महेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि आव्रजन अधिकारी की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर न्यायालय चालान किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।