
महराजगंज। नेपाल की पहाड़ियों पर पड़ रही भीषण ठंड का असर भारत-नेपाल सीमा से सटे इलाकों में तेज़ी से महसूस किया जा रहा है। सोमवार की सुबह मौसम ने अचानक करवट ली और जिला घने कोहरे की मोटी चादर में लिपट गया। शहर की गलियों से लेकर मुख्य हाईवे तक सफेद धुंध छाई रही।
कोहरा छाये रहने से लोगों को बहुत कम दिखाई दे रहा था, जिसकी वजह से सड़को पर वाहनों की रफ्तार रेंगती नजर आई। चालक हेडलाइट व इंडिकेटर के सहारे सावधानीपूर्वक आगे बढ़ते दिखे। जबकि बढ़ी गलन ने आम जनजीवन को ठिठुरा दिया। ठंड से मजदूरों, राहगीरों व जरूरतमंदों की परेशानियां बढ़ गईं।
सोमवार को न्यूनतम तापमान 12 डिग्री और अधिकतम 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अचानक बढ़ी ठंड व गलन ने आम जनजीवन पर गहरा असर डाला। स्कूल जाने वाले बच्चों, कार्यालय कर्मियों व सुबह-शाम बाजार आने-जाने वाले लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा।
कोहरे के कारण हवा में नमी बढ़ने से हड्डियों तक ठिठुरन महसूस की गई सबसे ज्यादा मार मजदूरों, रिक्शा चालकों, ठेला संचालकों और जरूरतमंदों पर पड़ी, जिनके पास गर्म कपड़ों और बचाव के पर्याप्त साधन नहीं हैं। सुबह करीब नौ बजे तक कोहरा छाया रहा, जिसके बाद हल्की धूप निकलने पर लोगों ने राहत की सांस ली। अब लोग अलावा की जरूरत महसूस करने लगे हैं।
नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्र में अभी अलाव की उचित व्यवस्था न होने से राहगीर परेशान हैं। देर रात ड्यूटी करने वाले कर्मचारी भी ठंड से बेहाल हैं। स्थानीय नागरिकों ने नगर पालिका व नगर पंचायत प्रशासन से मांग की है कि प्रमुख चौराहों, सार्वजनिक स्थनों व भीड़भाड़ वाले मार्गों पर तत्काल अलाव की व्यवस्था की जाए, ताकि लोगों को ठंड से राहत मिल सके।