गौरतलब है कि गेहूं की कटाई के बाद अब किसान धान की खेती की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में सिंचाई की समयबद्ध व्यवस्था बेहद जरूरी है। विभाग ने इस बार पहले से गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर डिविजन के अधिकारियों के साथ बैठक कर सहमति बना ली है।
सिंचाई विभाग ने बताया कि इस बार नहरों की सिल्ट सफाई बाधक नहीं बनेगी, क्योंकि अधिकांश नहरों में सिल्ट अधिक नहीं है। वहीं, खेत तक पानी पहुंचाने वाले कुलावे की सफाई किसानों को स्वयं करनी होगी।
सिंचाई अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे समय रहते कुलावे साफ कर लें ताकि पानी खेत तक बिना किसी अड़चन के पहुंच सके। नहरों में कई महीनों से पानी नहीं होने के कारण कुलावे मिट्टी से भर गए हैं, जो जलप्रवाह में बाधा बन सकते हैं।
विभाग ने एक रोस्टर भी तय किया है जिसके तहत 25 मई से पानी छोड़े जाने के बाद दस दिन तक जल आपूर्ति की जाएगी और फिर रोक दी जाएगी। यह चक्र 10 जुलाई तक चलेगा। अगर मॉनसून समय पर आ गया तो पानी रोका जाएगा, अन्यथा जरूरत पड़ने पर दोबारा नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।