Maharajganj : महराजगंज में मिलावटखोरी से सेहत पर खतरा, मिठाई से लेकर मसालों तक में जहर

नकली चांदी का वर्क, रंगी हुई काली मिर्च और पाउडर से बना पनीर बना बीमारियों की वजह

Aapan Maharajganj    27-May-2025
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kaju katli

महराजगंज। ज़िले में खाद्य पदार्थों में मिलावट का सिलसिला थम नहीं रहा है। मिठाई से लेकर मसालों और पनीर तक में मिलावट की जा रही है, जिससे आम लोगों की सेहत खतरे में पड़ गई है। सरकारी निर्देशों के बावजूद मिलावटखोरों पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है।
 

सबसे ज्यादा मिलावट मिठाइयों में पाई जा रही है। खासतौर पर काजू बर्फी और मिल्क केक में चांदी जैसा दिखने वाला वर्क असल में एल्युमिनियम का होता है। असली चांदी का वर्क बेहद महंगा होता है, जिसकी कीमत करीब एक लाख रुपये प्रति किलो तक जाती है। इसलिए व्यापारी सस्ते एल्युमिनियम वर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।

 

विशेषज्ञों के अनुसार, एल्युमिनियम वर्क के सेवन से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है और लंबे समय तक इसके सेवन से लिवर और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।

 

इसी तरह चने के बेसन में मेटानिल पीले रंग की मिलावट की जा रही है। नकली जीरा, नकली सौंफ के बाद अब बाजार में नकली काली मिर्च भी आ चुकी है। पिचके हुए मटर को काले रंग से रंगकर काली मिर्च का रूप दिया जा रहा है और इसे असली काली मिर्च में 35-40 प्रतिशत तक मिलाया जा रहा है।

 

दूध के पाउडर से बना नकली पनीर भी बीमारियों की वजह बन रहा है। जिला अस्पताल में भर्ती रामप्रकाश ने बताया कि अधिक मात्रा में पनीर खाने से उन्हें पेट की गंभीर समस्या हो गई है। डॉक्टरों ने इसका कारण मिलावटी खाद्य पदार्थ बताया है।

 

एक अन्य महिला, ज्ञानती देवी ने बताया कि बाजार से मिठाई लाने और खाने के बाद उन्हें डायरिया की समस्या हो गई। उन्होंने कहा कि अब बाजार से खाने की चीज़ें खरीदने में डर लगने लगा है।

 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर जांच अभियान चलाए जाते हैं और नमूने लैब में भेजे जाते हैं। साथ ही व्यापारियों को जागरूक भी किया जाता है, लेकिन सख्त कार्रवाई की कमी से मिलावटखोर बेखौफ हैं।