समाजसेवी संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मामले की जांच की मांग करते हुए दोषी ठेकेदार पर कार्रवाई की बात कही है। शिकायतों में ठेकेदार की जमानत राशि जब्त करने और निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की गई है।
एनएचएआई टीम ने की जांच
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद गोरखपुर से एनएचएआई की टीम महराजगंज पहुंची। सहायक अभियंता साम्भवी तिवारी और पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता देवेंद्र मणि ने मिलकर सड़क की स्थिति का निरीक्षण किया। जांच के दौरान नाली निर्माण में इस्तेमाल सरिया की मोटाई मापी गई और सड़क की क्षतिग्रस्त परतों की भी जांच की गई।
प्रारंभिक जांच में निर्माण में लापरवाही और घटिया सामग्री के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं। टीम ने साक्ष्य एकत्र कर रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है, जिसे जल्द ही उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
स्थानीयों की मांग
स्थानीय निवासियों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनी सड़क इतनी जल्दी कैसे खराब हो गई, यह समझ से परे है। लोगों का कहना है कि अगर निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखा गया होता, तो सड़क इतनी जल्दी जर्जर नहीं होती। इस मामले ने न केवल निर्माण एजेंसी, बल्कि निगरानी तंत्र की भी पोल खोल दी है। जनता अब पारदर्शी जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।