गर्मी का महीना आमतौर पर नेपाल के पर्यटन स्थलों पर भारतीय पर्यटकों की भारी भीड़ के लिए जाना जाता है। लुंबिनी, काठमांडू, मुक्तिनाथ, पोखरा, जनकपुर, चितवन जैसे धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं।
पर्यटक यात्रा रद्द कर रहे हैं
बेलहिया के टूर एंड ट्रैवल संचालक श्रीचंद गुप्ता ने बताया कि पहले जहां धार्मिक यात्रियों के ग्रुप बड़ी संख्या में नेपाल पहुंचते थे, अब पर्यटक असुरक्षा और तनाव के कारण अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं। “लोगों को सीमा पर फंसने का डर है, जिससे यात्रा टाल दी जा रही है,” उन्होंने कहा।
होटल व्यवसायियों को भारी नुकसान
पोखरा के होटल व्यवसायी दुर्गा पांडेय का कहना है कि सीमा पर अफवाहों और आंदोलन के चलते पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। “जहां गर्मियों में होटल फुल रहते थे, अब खाली पड़े हैं,” उन्होंने बताया।
विदेशी पर्यटक भी घटे
सोनौली स्थित 960 थाई बौद्ध बिहार के मैनेजर राजेश शुक्ला ने कहा कि बौद्ध सर्किट के चलते बड़ी संख्या में थाईलैंड, म्यांमार, कम्बोडिया और श्रीलंका से पर्यटक नेपाल आते हैं। अप्रैल से सीजन शुरू होता है, लेकिन इस साल विदेशी पर्यटकों की आवाजाही भी बहुत कम है।
पर्यटन व्यवसाय में निराशा
पूरे नेपाल के पर्यटन व्यवसायी इस हालात को लेकर चिंतित हैं। पर्यटक न आने से होटल, टैक्सी, टूर गाइड, स्थानीय दुकानों सहित सैकड़ों लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है।