तीन सदस्यीय जांच समिति ने 21 अप्रैल 2025 को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें उज्जवल हॉस्पिटल की गंभीर लापरवाही की पुष्टि की गई। इसके आधार पर अस्पताल को चेतावनी पत्र जारी करते हुए कहा गया कि अस्पताल हाई रिस्क या अति गंभीर मरीजों को भर्ती न करे और ऑपरेशन थिएटर को आवश्यक सुविधाओं से युक्त करे।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक चेतावनी के बावजूद अस्पताल में गंभीर मरीजों की भर्ती जारी है। कहा जा रहा है कि विभागीय कार्रवाई की सूचना पहले ही अस्पताल प्रशासन तक पहुंच जाती है, जिससे मरीजों को समय रहते अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाता है। यही वजह है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
जिले में 106 निजी अस्पताल पंजीकृत हैं, जिनमें 19 पैथोलॉजी लैब, 12 जनरल अस्पताल, 23 डेंटल क्लिनिक, 22 अन्य क्लिनिक, 23 एक्स-रे सेंटर और 54 अल्ट्रासाउंड सेंटर शामिल हैं। हालांकि, कई अस्पताल छोटे-बड़े चौराहों, मोहल्लों और गलियों में संचालित हैं जहां न तो आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं हैं और न ही सुरक्षा मानक पूरे किए जाते हैं।