घटना की जानकारी के अनुसार, घुघली थाना क्षेत्र के पड़री खुर्द निवासी रमेश कुमार जायसवाल ने बताया कि वह मेरठ यूनिवर्सिटी, गाजियाबाद से 2008-2009 में बीएड की पढ़ाई के दौरान बलिया निवासी सुरेंद्र मोहन से मिले थे। दोनों ने बाद में इलाहाबाद में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी की, लेकिन किसी को नौकरी नहीं मिली।
जनवरी 2023 में सुरेंद्र मोहन ने रमेश से कहा कि उसके परिचित शैलेश कुमार का संबंध एक बड़े अधिकारी सुखदेव श्रीवास्तव से है, जो नौकरी लगवा सकते हैं। भरोसे में आकर रमेश और अन्य छह बेरोजगार—जानकी जायसवाल, शैलेश जायसवाल, धीरेंद्र जायसवाल, अजय, बृजमोहन जायसवाल, अक्षय कुमार—भी झांसे में आ गए।
इन सभी से नकद और डिजिटल माध्यम से 26 लाख रुपये वसूले गए, जो शैलेश, अखिलेश कुमार, तेजवीर, अनिल कुमार शर्मा, सहित कई अन्य खातों में भेजे गए। पीड़ितों को जब लंबे समय तक नौकरी नहीं मिली और आरोपियों के नंबर बंद हो गए, तब उन्हें धोखाधड़ी का शक हुआ।
घुघली थाना प्रभारी निरीक्षक कुंवर गौरव सिंह के अनुसार, कोर्ट के आदेश पर सुरेंद्र मोहन (बलिया), शैलेश कुमार और सुखदेव श्रीवास्तव (घुघली निवासी) के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।