इस तकनीकी प्रक्रिया के जरिए यह पता लगाया जा सकेगा कि मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है और उसी के अनुसार उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी जाएगी। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि उर्वरकों के अनावश्यक उपयोग को भी रोका जा सकेगा।
कृषि विभाग को 24,000 नमूनों का लक्ष्य दिया गया है। अब तक पांच दिन में 1,000 नमूने एकत्र किए जा चुके हैं। वर्ष 2020 के कोविड संक्रमण काल के बाद पहली बार 2025 में मिट्टी जांच का यह अभियान चलाया जा रहा है।
जिला कृषि अधिकारी बीरेंद्र कुमार सिंह ने मंगलवार को फरेंदा ब्लॉक क्षेत्र में चल रहे मृदा संग्रहण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि जिले की 882 ग्राम पंचायतों से पूरे मई माह में नमूने लिए जा रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे जांच रिपोर्ट के आधार पर केवल आवश्यक उर्वरकों का ही प्रयोग करें, जिससे बेहतर उपज प्राप्त हो सके।