Raja Raghuvanshi case : वन स्टॉप सेंटर में कैसे बीते सोनम के 14 घंटे, क्या क्या किया, जानें यहाँ

सखी वन स्टॉप सेंटर में 14 घंटे रही सोनम, पुलिस जांच में कई सवाल अब भी अनसुलझे

Aapan Maharajganj    10-Jun-2025
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sonam
 
Raja raghuvanshi case : जबसे मेघालय से लापता हुई सोनम रघुवंशी ग़ाज़ीपुर से बरामद हुई हैं तबसे इस हाई प्रोफाइल केस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। गाजीपुर में प्रारंभिक इलाज के बाद सोनम रघुवंशी सुबह पांच बजे सखी-वन स्टॉप सेंटर ले जाई गई। जहां वह 14 घंटे तक रही। इस दौरान पहले तो थकान के कारण सो गई लेकिन सुबह ही उठ गई। सूत्रों की मानें तो वह पूरे दिन गुमसुम रही। कभी लेटती तो कभी बैठती। नजदीक आने वालों से एक ही गुहार लगाती, मुझे भाई से बात करनी है, करा दीजिए।
 
 
सुबह करीब आठ बजे सीओ सिटी शेखर सेंगर और प्रोवेशन विभाग के अधिकारी पहुंचे। स्टाफ के लोगों ने उसे नाश्ता करने के लिए कहा, तो उसने मना कर दिया। हालांकि बाद में सिर्फ चाय और बिस्कुट लिया। उसके बाद वह फिर सो गई। सोनम के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं हैं। वह बार-बार एक ही बात कहती। मुझे भाई से बात करनी है, बात करा दीजिए। शाम करीब पांच मेघालय पुलिस स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर पहुंची। इसके बाद सोनम को लेकर पुलिस मेडिकल के लिए सात बजे बाहर आई। पुलिस मेडिकल कराने के बाद उसे ले गई।
 
 
सोनम रघुवंशी गाजीपुर तक कैसे पहुंची यह अभी सवाल बन हुआ है। हालांकि इसका जवाब वह मेघालय पुलिस को देगी, जो देर रात सोनम को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर मेघालय के लिए रवाना हो गई। सोनम मेघालय से करीब 1200 किमी का सफर कर गाजीपुर पहुंची थी।
 
 
वह एक महिला पुलिस के पूछने पर बस इतना ही बताई कि उसे कुछ पता नहीं। हालांकि लोग इसे वाराणसी से भी जोड़कर देख रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक हो सकता है सोनम बिहार होते हुए गाजीपुर की सीमा में आई हो और वाराणसी की तरफ जा रही हो।
 
 
वहीं, ढाबा जिस लेन पर स्थित है उस पर दूर-दूर तक कट नहीं है। ढाबे से नंदगंज की दूरी चार किमी, वाराणसी की 68 और प्रयागराज की दूरी 222 किमी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वह किसी न किसी वाहन से यहां आई। कुछ लोग यह भी कयास लगा रहे थे कि सोनम वाराणसी की तरफ से आई थी।
 
 
मेघालय से 23 मई को लापता सोनम रघुवंशी की गाजीपुर से बरामदगी के बाद कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। वड़ा सवाल यह है कि आखिर करीब 1200 किमी दूर सोनम नंदगंज स्थित एक ढाबे तक आधी रात में कैसे पहुंची। वह सड़क किनारे और उसी लेन में करीब 200 मीटर दूर दो बड़े ढाबों पर न जाकर एक छोटे से ढाबे पर ही क्यों गई। इन सब बातों का जवाब न तो पुलिस के पास है और न ही किसी के पास।