महराजगंज। मौसम का बदला मिजाज़ एक बार फिर लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। पिछले सप्ताह शरीर झुलसाने वाली तपिश और अब मौसम की नर्मी लोगों को बीमार बना रही है। सर्द-गर्म से लोगों को गले का संक्रमण होने लगा है। टांसिल के कारण लोगों को निगलने में असुविधा हो रही है, जिससे लोग सूप इत्यादि पीकर रहने को मजबूर हैं।
बृहस्पतिवार को गले में संक्रमण के 17 रोगी इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचे। जांच में टांसिल के लक्षण मिले। चिकित्सकों ने दवा के साथ नियमित गरारा करने की हिदायत दी।
मौसम की लगातार तब्दीली तरह-तरह के रोगों को पनपने का मौका दे रही है। पिछले दिनों तक वायरल फीवर और डायरिया का प्रकोप बना हुआ था, वहीं अब गले का संक्रमण टांसिल की समस्या बढ़ने लगी है। बृहस्पतिवार को 878 रोगियों का उपचार जिला अस्पताल की ओपीडी में हुआ। नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ.. अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि ठंडी व गर्म चीजों का सेवन मौसम अनुरूप न करने से गले का संक्रमण होता है, जिसे टांसिल भी कहते हैं। इसमें गले की आहार नली में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण लोगों को कड़े खाद्य जैसे रोटी इत्यादि निगलने में असुविधा होती है, क्योंकि निगलते समय गले में असहनीय पीड़ा होती है। तरल पदार्थ पानी या सूप इत्यादि किसी तरह लोग निगलते हैं।
इस समय लोग आइसक्रीम अत्यधिक ठंडा पानी या फल सीधे फ्रिज से निकालकर सेवन कर लेते हैं। नम मौसम में इससे गले का संक्रमण होता है। अगर तत्काल ध्यान न दिया जाए तो समस्या आठ से 10 दिन बनी रहती है।
गले में संक्रमण के रोगियों को गुनगुने पानी में फिटकिरी और नमक डालकर दो से तीन बार गरारा करने की सलाह के साथ दवा दी जा रही। कुछ लोग संक्रमण में कड़े खाद्य पदार्थ जबरन निगलने का प्रयास करते हैं, जिससे नली छिल जाती है टिशु फटने से रक्तस्राव हो जाता है। ऐसे रोगियों को बीटाडीन लिक्विड पानी में डालकर गरारा करने की सलाह दी जा रही है। सीएमएस डाॅ. एके द्विवेदी ने बताया कि मौसम में उल्टी दस्त, वायरल फीवर व टांसिल की समस्या बढ़ी है। जांच के बाद दवा व हिदायत दी जा रही है।