
Maharajganj News : नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों एक बड़े अवैध रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें दो हजार रुपये के नोट बदलने का एक बड़ा मामला सामने आया है।
आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने फरवरी माह में रक्सौल, रुपैडीहा और बढ़नी जैसे इलाकों में छापेमारी कर इस संगठित रैकेट की परतें खोल दी हैं। जांच में सामने आया है कि ये नोट 1200 से 1600 रुपये में बदले जा रहे हैं। यह अवैध धंधा सीमा के दोनों ओर धड़ल्ले से चल रहा है। ऐसे में अब जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
आयकर विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि इस पूरे नेटवर्क में बेरोजगार युवकों को कमीशन देकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इनकी पहचान गुप्त रखी जाती है। ये युवक नोट बदलने का काम सीमावर्ती गांवों, मेलों और धार्मिक आयोजनों में करते हैं। खासकर कांवड़ यात्रा और अन्य मेलों के दौरान इन नकद नोटों का भारी मात्रा में उपयोग होता है।
आयकर विभाग ने गोपनीय ऑपरेशन के तहत कुछ लोगों को नकली पहचान के साथ दो हजार के नोट लेकर नेपाल भेजा, जहां उन्हें बिना किसी अड़चन के बदला गया। इससे साफ है कि नेपाल सीमा पर एक व्यवस्थित तंत्र काम कर रहा है, जो भारतीय नोटों को नेपाल में बदलकर वापस भारत में गैरकानूनी गतिविधियों में झोंक रहा है।
सरकार की ओर से तय नियमों के अनुसार, अब दो हजार के नोट सिर्फ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या पोस्ट ऑफिस में जमा किए जा सकते हैं। इसके लिए भी 30 हजार रुपये तक की सीमा निर्धारित की गई है। आयकर विभाग की जांच में सामने आया है कि सीमा क्षेत्रों के पोस्ट ऑफिसों में इन नियमों का उल्लंघन हो रहा है। फर्जी पहचान पत्रों के माध्यम से बड़ी संख्या में नोट बदले गए हैं, जिसका डाटा अब जुटाया जा रहा है।