महराजगंज। पंचायत स्तर पर बजट के दुरूपयोग और अनियमितताओं को रोकने के लिए पंचायती ग्राम विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। ग्राम पंचायतों को अब एडवांस बजट नहीं दिया जाएगा। अब डीएम के अनुमोदन के बाद ही ग्राम पंचायतों को पंचायती राज से बजट आवंटन किया जाएगा।
पहले यह व्यवस्था सिर्फ एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन) के कार्यों के लिए थी, लेकिन अब इसे एसएनए स्पर्श के लिए भी प्रभावी कर दिया गया है। एसएनए स्पर्श समायोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण के लिए है, जो केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रभावी होता है। निधियों के शीघ्र और पारदर्शी वितरण व्यवस्था के लिए इसे प्रभावी किया गया है।
अब केंद्रीय बजट से होने वाले कार्यों का अनुमोदन जिलाधिकारी से ग्राम पंचायतों के लिए किया जाएगा और कार्य के लिए भुगतान के लागत, बिल-बाउचर इत्यादि पर डीएम ही हस्ताक्षर करेंगे, तभी इस मद से बजट जारी किया जाएगा।
पहले केंद्र से मिलने वाला बजट ग्राम पंचायतों में एडवांस होता था, लेकिन इसके खर्च में अनियमितता को देखते हुए यह व्यवस्था पंचायतीराज विभाग की तरफ से प्रभावी किया गया है।
वित्तीय सत्र 2024-25 में मिली शिकायतों को देखते हुए इसे नये वित्तीय सत्र में प्रभावी किया गया है। माडल ग्राम पंचायतों के लिए केंद्र निधि का उपयोग किया जाता है, जिससे उक्त ग्राम पंचायत में बड़े प्रोजेक्ट से जुड़े कार्य हो सकें, लेकिन अधिकतर ग्राम पंचायते यह नहीं निर्धारित कर पातीं कि इसे कहां उपयोग में लाया जाए। ऐसे में अधिकतर से यह बजट वापस हो जाता है अथवा ऐसे कार्यों में खपा दिया जाता है, जिसके लिए यह बजट नहीं होता।