
महराजगंज। जिले की जर्जर सड़कों को दुरुस्त करने की पहल सरकार की तरफ से की जा रही है। शहर में रिसॉर्ट के पीछे डेढ़ करोड़ से सड़क की सूरत बदली जाएगी। वहीं सिसवा, सदर, पनियरा क्षेत्र की 25 किलोमीटर की सड़कों के कायाकल्प पर 23.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने शासन को अलग-अलग प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है।
शासन की हरी झंडी मिलने के बाद जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है। वर्तमान में इन गड्ढा युक्त सड़कों पर आना-जाना दुश्वार हो गया है। दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।सड़कों के दुरुस्त हो जाने के बाद इन पर वाहन फर्राटा भरेंगे।
जानकारी के अनुसार, जिले के सदर, पनियरा और सिसवा क्षेत्र के विभिन्न गांवों के संपर्क मार्गों की हालत बेहद है। गड्ढों से भरी सड़कों पर चलना खतरे से खाली नहीं है।आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। शहर के पिपरदेउरा-तरकुलवा संपर्क मार्ग जो रिसॉर्ट के पीछे से होकर गुजरता है, लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा है और इसकी हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि इसपर वाहन चलाना जोखिम भरा हो गया है।
राहगीर मनीष कुमार ने बताया कि वह रिसॉर्ट की ओर से बांसपार-बैजौली की तरफ जा रहे थे, तभी सड़क पर गड्ढे के कारण मोटरसाइकिल फिसल गई और वह गिर पड़े, जिससे उनके हाथ में चोट लग गई। इसके साथ ही सिसवा और पनियरा क्षेत्र के गांवों में कई संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पनियरा क्षेत्र के बभनौली खलवा टोला, ऊंटी लिखियहवा टोला, पचदेउरी में झरहवा, लक्ष्मीपुर देउरवा में नरायन टोला और खानपुर में उपाध्याय टोला संपर्क मार्गों की भी हालत खस्ता हो चुकी है। प्रांतीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, शासन स्तर से निर्देश मिला हैं कि जिन बस्तियों की आबादी 150 से अधिक है और जो अभी तक पक्की सड़क से नहीं जुड़ी हैं या जहां पहले सड़क बनी थी। लेकिन, वह मरम्मत के अभाव में टूट चुकी हैं। वहां, नए सिरे से निर्माण और मरम्मत कार्य कराए जाएंगे। इसी के तहत जिले के विभिन्न क्षेत्रों से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।
बजट की स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। लोगों का कहना है कि इन सड़कों के जर्जर होने से कई बार एंबुलेंस और स्कूल वाहनों को भी आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर बरसात में स्थिति खराब हो जाती है। बभनौली के सुरेश बताया कि सड़कों की मरम्मत होने से जहां आवागमन में सुगमता आएगी, वहीं स्थानीय ग्रामीणों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।