महराजगंज। जिले में बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए विद्युत निगम ने अहम निर्णय लिया है। अब उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद निगम तत्काल इलेक्ट्रॉनिक मीटर नहीं हटाएगा। बल्कि दोनों मीटरों की रीडिंग का कुछ माह तक मिलान किया जाएगा। यदि स्मार्ट मीटर और पुराने मीटर की रीडिंग समान पाई जाती है, तभी पुराने मीटर हटाने की कार्रवाई होगी।
जिले में तीन लाख 47 हजार 554 बिजली उपभोक्ता हैं। शासन के निर्देश पर सभी घरों में चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। अब तक जिले में 51 हजार 543 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। हालांकि, नए मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं में भ्रम देखने को मिल रही है। ज्यादातर उपभोक्ता यह मान रहे हैं कि स्मार्ट मीटर से उनकी बिजली खपत अपेक्षाकृत अधिक दर्ज हो रही है, जिसके कारण बिल भी ज्यादा आ रहा है। यही वजह है कि उपभोक्ताओं ने निगम से शिकायत की कि स्मार्ट मीटर पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा है।
अधिशासी अभियंता ई. देवेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि स्मार्ट मीटर प्रणाली उपभोक्ता और विभाग दोनों के लिए पारदर्शिता लाएगी। उनके अनुसार, पहले बिलिंग को लेकर उपभोक्ता और विभागीय कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति बन जाती थी, क्योंकि उपभोक्ताओं को खपत की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती थी, लेकिन अब नई व्यवस्था में उपभोक्ता को हर समय अपने मोबाइल फोन पर बिजली खपत का लेखा-जोखा देखने को मिलेगा।
विद्युत निगम ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए यूपीपीसीएल स्मार्ट एप भी लॉन्च की है। इसके माध्यम से उपभोक्ता न केवल अपनी खपत देख सकते हैं, बल्कि बिल भुगतान और अन्य सुविधाओं का भी लाभ उठा सकते हैं। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता जल्द ही पोस्टपेड से प्रीपेड व्यवस्था में स्थानांतरित होंगे। इसका फायदा यह होगा कि उपभोक्ता अपने बजट और जरूरत के हिसाब से बिजली का उपयोग कर पाएंगे और अचानक आने वाले भारी-भरकम बिलों से बच सकेंगे।