महराजगंज। लगातार बदलते मौसम से कान और गले में संक्रमण हो रहा है। ओपीडी के ईएनटी विभाग में रोजाना 15 से 20 मरीज इस समस्या से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार, टॉन्सिल और कान के रोगों के मामले इन दिनों तेजी से बढ़ रहे। सोमवार ओपीडी में कान और गले में दर्द की समस्या लेकर 21 रोगी पहुंचे। इनको दवा का परामर्श और खानपान की हिदायत की जानकारी दी गई।
जिला अस्पताल की ओपीडी में सोमवार 887 रोगियों का उपचार हुआ। सर्वाधिक रोगी मौसम से जुड़े रोगो से पीड़ित मिले। कोई वायरल तो कोई उदर या त्वचा संबंधित संक्रमण से जुड़ा पहुंचा। 21 रोगी ऐसे मिले जो पहले टांसिल तो अब कान में तेज दर्द से परेशान मिले। जांच रिपोर्ट में बैक्टीरिया का प्रभाव व वायरल की पुष्टि हुई। डाॅ. अनिरुद्ध कुमार ने ऐसे रोगियों की रिपोर्ट को देख परामर्श दिया।
बताया कि टॉन्सिल का मुख्य कार्य सांस के जरिये शरीर में आने वाले बैक्टीरिया व वायरस को रोकना होता है। इनमें मौजूद एंटीबॉडीज गले और फेफड़ों के संक्रमण से बचाव करती हैं। मौसम बदलने से ठंडी-खट्टी चीजों के सेवन, धूल-धुआं और वायरल इंफेक्शन के कारण इसमें सूजन आती है। जिससे गले में खराश, दर्द, भोजन निगलने में दिक्कत शुरू होती है।
टॉन्सिलाइटिस, वायरल इंफेक्शन से होता है। इसके साथ कान के फंगल संक्रमण (ऑटोमायकोसिस) भी बढ़ता है। लंबे समय तक ईयर फोन लगाने से हवा प्रवाह रुकने के कारण होती है। यह संयुक्त रोग संक्रमण बढ़ने से शुरू होती है। ऐसे रोगी सिर्फ टांसिलाइटिस का उपचार कराते है, लेकिन कान के फंगल पर ध्यान नही देते जो बढ़ कर दर्द पैदा करता है।