UP Politics : 33 माह बाद सपा नेता इरफान सोलंकी को मिली हाईकोर्ट से जमानत

26 Sep 2025 18:26:38

महराजगंज। करीब 33 माह से महराजगंज जिला कारागार में निरुद्ध कानपुर के पूर्व विधायक और सपा नेता इरफान सोलंकी की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामले में उन्हें जमानत दे दी है।

महराजगंज जेल प्रशासन को फिलहाल आदेश की प्रति का इंतजार है। जेल प्रशासन के अनुसार इरफान सोलंकी को 22 दिसंबर 2022 को कानपुर जेल से प्रशासनिक आधार पर कड़ी सुरक्षा के बीच महराजगंज जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था। उन पर जमीन कब्जाने, महिला का मकान जलाने, रंगदारी मांगने और फर्जी दस्तावेज पर बांग्लादेशी नागरिक को भारतीय पहचान दिलाने जैसे करीब दो दर्जन गंभीर आरोप दर्ज हुए थे।

हालांकि वर्तमान समय में वह केवल गैंगस्टर एक्ट के एक मुकदमे में निरुद्ध हैं। महराजगंज के जेल अधीक्षक वीके गौतम ने कहा कि कानपुर जेल से इरफान सोलंकी को 22 दिसंबर 2022 को प्रशासनिक आधार पर महराजगंज जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था। वर्तमान में वे गैंगस्टर एक्ट के केवल एक वाद में निरुद्ध हैं। जेल में उनसे मिलने परिजन और रिश्तेदार आ चुके हैं।

मुलाकात पूरी तरह जेल मैनुअल के अनुसार ही कराई गई है। अभी तक हाई कोर्ट से रिहाई संबंधी आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। आदेश मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी। कानपुर के जाजमऊ थाने में दर्ज हुई थी गैंगेस्टर एक्ट की प्राथमिकी महराजगंज जेल में शिफ्ट किए जाने के चार दिन बाद यानी 26 दिसंबर 2022 को कानपुर नगर के जाजमऊ थाने में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार दूबे की तहरीर पर इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, इसराइल आटेवाला, मोहम्मद शरीफ और शौकत अली के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 3(1) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और एक अन्य आरोपित इजराइल आटे वाला को जमानत दी है। अन्य मामलों में उन्हें पहले ही राहत मिल चुकी थी। जेल प्रशासन के अनुसार इरफान सोलंकी वर्तमान में केवल गैंगेस्टर एक्ट के एक केस में निरुद्ध हैं।

महराजगंज जेल में निरुद्ध रहने के दौरान इरफान सोलंकी से उनकी पत्नी नसीम सोलंकी, पुत्र-पुत्री, मां, सास, भाई-बहन और अन्य रिश्तेदार मुलाकात करने आए। कानपुर की सीसामऊ सीट से इरफान सोलंकी विधायक थे। सजा के बाद उनकी विधायकी चली गई थी। उप चुनाव में पति की सीट से ही पत्नी नसीम सोलंकी विधायक चुनी गई थीं। जेल बैरक में शांत रहते हैं इरफान सोलंकी सूत्रों के अनुसार महराजगंज कारागार में इरफान सोलंकी बेहद शांत रहते हैं।

वे अन्य बंदियों से बहुत कम संवाद करते हैं और पेशी के दौरान भी चुप्पी साधे रहते हैं। रमजान में वह रोजा रखते हैं और जेल प्रशासन मैनुअल के अनुसार उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं, फल-सहित, उपलब्ध कराता है। यही सुविधाएं अन्य रोजेदार बंदियों को भी प्रदान की जाती हैं।



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